
पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में शिक्षा और विकास को दी नई दिशा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया खटीमा केंद्रीय विद्यालय का लोकार्पण, शिक्षा और विकास को दी नई दिशा
उत्तराखण्ड के खटीमा में केंद्रीय विद्यालय का उद्घाटन, मुख्यमंत्री धामी ने कहा- राज्य को देश का सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम जारी है।
शिक्षा और नवाचार की दिशा में खटीमा को नई सौगात
Dehradun (Shah Times) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम के कार्यक्रम के अंतर्गत ₹26.23 करोड़ की लागत से बने केंद्रीय विद्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दर्शाया। यह आयोजन केवल एक विद्यालय के लोकार्पण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उत्तराखण्ड में शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर सरकार की दूरगामी नीतियों की झलक भी दिखी।
मुख्यमंत्री ने इसे खटीमा वासियों के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय की स्थापना से सेना, अर्धसैनिक बलों और अन्य सरकारी कर्मियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति: एक परिवर्तनकारी पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) देश की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है। यह नीति बच्चों को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उन्हें रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने, शोध और वैज्ञानिक सोच विकसित करने की दिशा में प्रेरित करती है।
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उत्तराखण्ड इस नीति को लागू करने वाला पहला राज्य बना है। राज्य सरकार ने 5600 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं की शुरुआत कर शिक्षा के क्षेत्र में एक ठोस नींव रखी है। यह पहल बच्चों के शैक्षणिक और बौद्धिक विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
खटीमा में बुनियादी ढांचे का सशक्त निर्माण
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि खटीमा क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना को मज़बूत करने के लिए सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। इनमें हाई-टेक बस स्टैंड, आधुनिक आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलेज, 100 बेड का नया अस्पताल परिसर और राष्ट्रीय स्तर का खेल स्टेडियम शामिल हैं।





इसके साथ ही क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए गदरपुर और खटीमा बाईपास, नौसर में पुल निर्माण और क्षेत्र में व्यापक सड़क नेटवर्क विकसित किया गया है। यह सभी योजनाएं खटीमा को आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक समृद्ध नगर बनाने की दिशा में ठोस प्रयास हैं।
उच्च शिक्षा और जनजातीय विकास पर विशेष ध्यान
राज्य सरकार ने राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी जैसी उच्च शिक्षा की कक्षाएं शुरू की हैं। साथ ही, जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालय का संचालन प्रारंभ कर शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता को बढ़ावा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार प्रदेश के हर वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है।
एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखण्ड सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में देशभर में अग्रणी राज्य बन गया है। यह राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जनहित में पारदर्शी प्रशासनिक नीतियों का प्रमाण है।
युवाओं को अवसर और रोजगार की दिशा में ठोस प्रयास
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त, 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। यह सरकार की रोजगार सृजन के प्रति प्रतिबद्धता और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया का सकारात्मक परिणाम है।
सुशासन और कानून व्यवस्था में सख्ती
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में दंगारोधी और धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू करने की बात करते हुए बताया कि 6500 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। इसके साथ ही 200 से अधिक अवैध मदरसों को सील किया गया और 500 से अधिक अवैध निर्माणों को हटाया गया।
प्रदेश में ऑपरेशन कालनेमि भी शुरू किया गया है, जिसके तहत राज्य में धर्म के नाम पर पाखंड फैलाने वाले तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। साथ ही राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर सामाजिक समरसता की दिशा में ऐतिहासिक पहल की गई है।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने राज्य से भ्रष्टाचार की जड़ें समाप्त करने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इसी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों, जिनमें आईएएस और पीसीएस शामिल हैं, को जेल भेजा गया है।
सरकार देवभूमि उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रही है। यह प्रयास न केवल विकास का प्रतीक है, बल्कि जनविश्वास को सशक्त करने का माध्यम भी है।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सहभागिता
कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद जोशी, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, शंकर कोरंगा, मेयर विकास शर्मा समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
खटीमा में केंद्रीय विद्यालय का लोकार्पण केवल एक शैक्षणिक संरचना का उद्घाटन नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड के भविष्य निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नीतियां और प्रयास राज्य को शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से एक आदर्श राज्य बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर हैं। शिक्षा, विकास, सुशासन और पारदर्शिता के साथ यह पहल निश्चित रूप से उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय विकास मानचित्र में अग्रणी बनाने में सहायक सिद्ध होगी।