
NCB officials with seized pharma drugs during raid in Uttarakhand
NCB की बड़ी कार्रवाई, नशीली दवाओं का अंतरराज्यीय नेटवर्क ध्वस्त
जसपुर सहारनपुर और मुजफ्फरनगर तक फैला था नशे की दवाओं का जाल, NCB की छापेमारी
NCB देहरादून ने फार्मा ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, 20 करोड़ की अवैध ट्रामाडोल-एलप्राजोलम टैबलेट्स जब्त, मास्टरमाइंड की तलाश जारी।
एनसीबी का बड़ा खुलासा: देहरादून से लेकर जसपुर तक फैला था नशे की दवाओं का नेटवर्क
देहरादून, (Shah Times):
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की देहरादून जोनल यूनिट ने फार्मा ड्रग्स से जुड़े एक बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जो उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ट्रामाडोल और एलप्राजोलम जैसी नशीली दवाओं की अवैध आपूर्ति कर रहा था। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान एनसीबी ने कुल 5 लाख से अधिक ट्रामाडोल टैबलेट्स और 24 हजार एलप्राजोलम टैबलेट्स जब्त की हैं, जिनकी अनुमानित बाजार कीमत लगभग 20 करोड़ रुपये है।
12 मई से शुरू हुआ ऑपरेशन: मेडिकल स्टोर पर पहली रेड
इस पूरे मामले की शुरुआत 12 मई 2025 को हुई जब देहरादून के विकासनगर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर छापा मारा गया। यहां से 594 ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद की गईं और एक आरोपी को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद इस ड्रग सिंडिकेट का जाल खुलकर सामने आया।
इसके बाद देहरादून में ही एक और सप्लायर और एक पेडलर को भी पकड़ा गया, जिनका संबंध इसी नेटवर्क से था। ये सभी आरोपी फार्मा कंपनियों और होलसेल दवा लाइसेंस का दुरुपयोग करके नशे की गोलियों को गैरकानूनी रूप से बेच रहे थे।
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फर्जी मेडिकल फर्मों का इस्तेमाल: दूधवाले के नाम पर हो रहा था कारोबार
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि सिंडिकेट ने दो फर्जी मेडिकल फर्मों – एम/एस एसएम इंटरप्राइजेज (मुजफ्फरनगर) और एम/एस बालाजी (बरेली) – के नाम पर भारी मात्रा में इन नशीली दवाओं की खरीद-फरोख्त की। और भी हैरानी की बात यह रही कि एक दूधवाले ने महज 5000 रुपये प्रति महीने के किराए पर अपनी होलसेल दवा लाइसेंस इस नेटवर्क को दे रखा था, जिससे यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा था।
किराए के गोदाम से मिली सबसे बड़ी खेप
एनसीबी को मिले इनपुट्स के आधार पर टीम ने एक किराए के गोदाम पर छापा मारा, जहां से 4,74,480 ट्रामाडोल टैबलेट्स और 24,000 एलप्राजोलम टैबलेट्स बरामद की गईं। इसके साथ ही 25 जुलाई 2025 को सहारनपुर के गगालहेड़ी इलाके से एक अन्य आरोपी उपेंद्र पाल को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 954 ट्रामाडोल और 720 एलप्राजोलम टैबलेट्स मिलीं।
जसपुर में तीसरी बड़ी कार्रवाई: कार से मिली नशीली दवाएं
1 अगस्त को उत्तराखंड के जसपुर इलाके में NCB ने एक स्विफ्ट डिजायर कार (UK18K5493) को संदिग्ध मानकर रोका। जांच करने पर कार से 25,600 ट्रामाडोल टैबलेट्स बरामद हुईं। इस खेप का संबंध भी बरेली स्थित फर्जी फर्म ‘बालाजी’ से निकला।
युवाओं को बना रहे थे निशाना
एनसीबी की जांच में सामने आया है कि यह सिंडिकेट युवाओं को टारगेट कर रहा था। नशे की लत बढ़ाने के लिए ये अवैध दवाएं स्कूल, कॉलेज और युवा समूहों में पहुंचाई जा रही थीं। फार्मा ड्रग्स जैसे ट्रामाडोल और एलप्राजोलम की आदत बेहद घातक होती है और इसकी लत से न सिर्फ मानसिक और शारीरिक नुकसान होता है, बल्कि कई मामलों में अपराध और आत्महत्याओं की दर भी बढ़ जाती है।
एनसीबी ने बढ़ाई निगरानी, मास्टरमाइंड की तलाश जारी
फिलहाल, एनसीबी इस पूरे नेटवर्क के मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है। सूत्रों के अनुसार, यह सिंडिकेट अंतरराज्यीय स्तर पर काम कर रहा था और कई राज्यों में इसकी शाखाएं हो सकती हैं। जांच एजेंसियां मोबाइल रिकॉर्ड्स, बैंक ट्रांजैक्शन्स और GPS ट्रैकिंग जैसे डिजिटल माध्यमों से इस पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में लगी हुई हैं।
पिछले कुछ महीनों में NCB की प्रमुख कामयाबियां
इससे पहले भी एनसीबी ने मई 2025 में फार्मा ड्रग तस्करी के बड़े मामलों का खुलासा किया था।
अमृतसर यूनिट: 547 करोड़ रुपये की फार्मा ड्रग्स तस्करी का पर्दाफाश।
दिल्ली यूनिट: हरिद्वार में क्लैंडेस्टाइन लैब पकड़ी, जहां अवैध रूप से नशीली दवाओं का उत्पादन हो रहा था।
दवाओं की सुरक्षा पर सवाल
यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि किस प्रकार दवा लाइसेंस और फार्मा नेटवर्क का दुरुपयोग करके समाज के भविष्य यानी युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेला जा रहा है।
ऐसे मामलों से यह भी स्पष्ट होता है कि फर्जी मेडिकल फर्मों के खिलाफ कड़ी निगरानी और कानूनी कार्रवाई की सख्त जरूरत है। साथ ही, होलसेल दवा लाइसेंस जारी करते समय संबंधित व्यक्ति की पृष्ठभूमि की अच्छी तरह से जांच होनी चाहिए।