
"Vice President Election 2025: NDA holds majority advantage, INDIA Alliance set to challenge – Shah Times"
उपराष्ट्रपति चुनाव : एनडीए-INDIA गठबंधन में सियासी टकराव तेज
एनडीए की बढ़त, INDIA गठबंधन की चुनौती: उपराष्ट्रपति चुनाव पर फोकस
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी तेज। एनडीए को संख्या बल का फायदा, इंडिया गठबंधन भी उतारेगा उम्मीदवार।
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा और नई राजनीतिक हलचल
भारत के राजनीतिक परिदृश्य में उपराष्ट्रपति का पद न सिर्फ एक संवैधानिक दायित्व है, बल्कि यह संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा के संचालन में केंद्रीय भूमिका निभाता है। हाल ही में जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया, जिससे इस पद पर रिक्ति पैदा हो गई। इस्तीफे के बाद से ही नई दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चुनावी रणनीतियों की चर्चा जोरों पर है।
चुनाव आयोग ने 9 सितंबर 2025 को मतदान की तिथि तय कर दी है और अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, जबकि नाम वापसी की आखिरी तारीख 25 अगस्त तय की गई है।
NDA का बढ़त वाला समीकरण
संसदीय गणित पर नज़र डालें तो एनडीए इस समय मजबूत स्थिति में है। लोकसभा और राज्यसभा के कुल 781 सांसदों में एनडीए के पास करीब 422 सांसद हैं, जो जीत के लिए आवश्यक 391 वोटों से काफी अधिक है। इसका मतलब है कि एनडीए उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
हाल ही में हुई एनडीए बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को उम्मीदवार तय करने की जिम्मेदारी दी गई। 7 अगस्त को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर गंभीर चर्चा हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, स्वतंत्रता दिवस के बाद एनडीए अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर सकता है।
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संभावित नामों की दौड़
नई दिल्ली में इस समय कई नाम चर्चा में हैं—
हरिवंश नारायण सिंह – राज्यसभा के उपसभापति और जदयू नेता
वीके सक्सेना – दिल्ली के उपराज्यपाल
मनोज सिन्हा – जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल
आचार्य देवव्रत – गुजरात के राज्यपाल
हालांकि, भाजपा के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह भी संभव है कि पार्टी एक बार फिर किसी अप्रत्याशित चेहरे को आगे करे, जैसा 2022 में जगदीप धनखड़ के साथ हुआ था।
INDIA गठबंधन की रणनीति
विपक्षी गठबंधन INDIA भी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है ताकि एक संयुक्त उम्मीदवार उतारा जा सके।
सूत्रों का कहना है कि 18–19 अगस्त को INDIA गठबंधन की बैठक होगी, जिसमें नामों पर सहमति बनाई जाएगी। कांग्रेस का मानना है कि भले ही जीत की संभावना कम हो, लेकिन एक मजबूत राजनीतिक संदेश देने के लिए चुनाव लड़ना जरूरी है।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों द्वारा किया जाता है। मतदान में सांसदों को प्राथमिकता के आधार पर उम्मीदवार चुनना होता है, और परिणाम एकल हस्तांतरणीय वोट प्रणाली से निकलता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह गुप्त मतदान के तहत होती है।
आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव का विश्लेषण
उपराष्ट्रपति चुनाव सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाला मुद्दा नहीं है, लेकिन इसकी राजनीतिक गूंज निवेशकों, बाजार और नीतिगत फैसलों पर असर डाल सकती है।
नीति स्थिरता: एनडीए की जीत से संसद में सरकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने में स्थिरता मिलेगी।
विपक्षी एकता का परीक्षण: INDIA गठबंधन की ताकत और संगठनात्मक क्षमता की परीक्षा होगी।
राजनीतिक संदेश: यह चुनाव 2029 के आम चुनाव से पहले सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए सियासी पोज़िशनिंग का मंच बनेगा।
नतीजा
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से उपजी स्थिति में एनडीए का पलड़ा भारी है, लेकिन INDIA गठबंधन की सक्रियता इस चुनाव को केवल औपचारिक प्रक्रिया बनने से रोक सकती है। आने वाले दिनों में उम्मीदवारों के नाम तय होते ही राजनीतिक गर्मी और बढ़ेगी।