
Yogi Adityanath reviewing Smart Nagar Palika Yojana in Lucknow
योगी सरकार की बड़ी घोषणा: जिला मुख्यालय होंगे स्मार्ट
यूपी की नगर पालिकाएँ होंगी आधुनिक, सीएम योगी का खाका
योगी सरकार ने जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को स्मार्ट व आधुनिक स्वरूप देने की योजना बनाई है। EV बसों, डिजिटल सेवाओं और गौरव पथ शामिल।
Lucknow (Shah Times)। लखनऊ के राजकीय सचिवालय में हाल ही में हुई नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक ने एक नया खाका खींचा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि अब जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाएँ महज़ प्रशासनिक इकाई नहीं बल्कि स्मार्ट और नागरिक-केंद्रित संस्थान बनेंगी।
यह योजना नगरीय अवस्थापना को नया आयाम देने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की तेज़ी से बढ़ती urban governance की ज़रूरतों का समाधान भी मानी जा रही है।
स्मार्ट नगर पालिका का विज़न
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिला मुख्यालय पर स्थित नगर पालिका अब आधुनिक टेक्नोलॉजी और नयी इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रतीक होगी। इसमें शामिल हैं:
गौरव पथ और थीम आधारित पार्क
स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल आंगनबाड़ी
ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण
ईवी चार्जिंग स्टेशन और ग्रीन क्रेमेटोरियम
शहरी सुविधा केंद्र व पिंक टॉयलेट
डिजिटल सेवाएँ और कमांड-कंट्रोल इंटीग्रेशन
इस मॉडल को हब-एंड-स्पोक पद्धति से लागू किया जाएगा। उदाहरण स्वरूप, लखनऊ और गोरखपुर जैसे शहरों से छोटे नगर पालिकाओं को जोड़ा जाएगा, जिससे निगरानी और शिकायत निवारण की सुविधा real-time हो सके।
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शहरी अर्थव्यवस्था को बल
नगर निकायों में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट आधारित ढाँचों, सामुदायिक केंद्रों और उत्सव भवनों की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा गया है। इसका उद्देश्य स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना और grassroot entrepreneurship को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री का मानना है कि self-reliant municipalities न केवल जनता को सुविधाएँ देंगी बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार भी सुनिश्चित करेंगी।
ई-मोबिलिटी का नया अध्याय
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लखनऊ-कानपुर मार्ग पर 200 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी और अन्य नगरों में 650 बसों की खरीद होगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि e-mobility का विस्तार केवल प्रदूषण घटाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी बड़े पैमाने पर तैयार होगा।
यह कदम उत्तर प्रदेश को ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
वित्तीय और प्रशासनिक सुधार
लगभग 20 वर्षों से नगर निगमों की financial sanction limit नहीं बदली गई थी। अब मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इसे 74वें संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप बढ़ाया जाए।
इससे महापौर, नगर आयुक्त और बोर्ड के पास अधिक वित्तीय शक्ति होगी, और grassroot governance और मजबूत होगा।
पारदर्शिता और जवाबदेही
मुख्यमंत्री ने कर बकाये की विसंगतियों को दूर करने के लिए special drive चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि नागरिकों की शिकायतों का त्वरित और संतोषजनक समाधान होना चाहिए।
इससे जनता और शासन के बीच भरोसा मज़बूत होगा और participatory governance की दिशा में नया अध्याय खुलेगा।
खेल और सांस्कृतिक विकास
लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आज़ाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज और बहुउद्देश्यीय खेल परिसर का निर्माण भी प्रस्तावित है। इसे PPP मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
यह न केवल खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान देगा बल्कि sports economy और local employment को भी बढ़ाएगा।
विश्लेषण
यह योजना शहरी विकास को नई दिशा देने की कोशिश है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या नगर निकायों के पास इतना human resource और technical expertise है कि इस मॉडल को लागू किया जा सके।
कई नगर पालिकाएँ आज भी basic services जैसे जल आपूर्ति, कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था में संघर्ष कर रही हैं। ऐसे में स्मार्ट मॉडल का निष्पादन आसान नहीं होगा।
प्रतिपक्षीय दृष्टिकोण
कुछ आलोचक मानते हैं कि यह योजना कहीं elite-centric न साबित हो। स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल सुविधाएँ सराहनीय हैं, लेकिन जब तक बुनियादी ढाँचे जैसे सड़क, जल निकासी और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं होगा, तब तक जनता को इसका पूरा लाभ नहीं मिलेगा।
साथ ही, PPP मॉडल से जुड़ी परियोजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं।
निष्कर्ष
फिर भी, यह पहल उत्तर प्रदेश को urban transformation की दिशा में आगे ले जाती है। यदि योजनाओं का क्रियान्वयन time-bound और citizen-centric तरीके से हो तो निश्चित ही आने वाले वर्षों में जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाएँ स्मार्ट नगर पालिका के रूप में नए भारत का चेहरा बनेंगी।