
PM Modi addressing Gaya rally in Bihar on corruption bill, infiltration issue and praising Nitish Kumar, political message ahead of Bihar elections.
पीएम मोदी ने कहा- भ्रष्टाचारी जेल भी जाएगा और कुर्सी भी छोड़ेगा।
भाजपा मंच पर आरजेडी विधायकों की मौजूदगी
Patna, (Shah Times)। गयाजी की पवित्र धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार उस नए बिल पर खुलकर प्रतिक्रिया दी, जिसके तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री अगर भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाता है और 30 दिन तक जमानत नहीं लेता, तो उसे 31वें दिन अपनी कुर्सी छोड़नी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “अब जेल से सरकार चलाने का दौर खत्म होगा। जिसने भ्रष्टाचार किया है, वह जेल भी जाएगा और सत्ता का सुख भी नहीं भोग पाएगा।”
यह बयान उस समय आया है जब संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने ‘पीएम-सीएम को जेल भेजने वाले बिल’ के रूप में नया विधेयक पेश किया है। मोदी ने अपने भाषण में यह भी जोड़ा कि संविधान की मर्यादा को तार-तार करने की इजाजत अब किसी को नहीं दी जाएगी।
कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना
मोदी ने जनसभा में कांग्रेस और आरजेडी को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भ्रष्टाचार रिकॉर्ड बहुत लंबा है और आरजेडी के भ्रष्टाचार को तो “बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है।” प्रधानमंत्री ने दावा किया कि 2014 से उनकी सरकार पर कोई भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा है।
उनका यह हमला साफ संकेत देता है कि आगामी चुनाव में भाजपा का मुख्य एजेंडा ‘भ्रष्टाचार बनाम ईमानदारी’ रहेगा।
घुसपैठियों और डेमोग्राफी मिशन पर चेतावनी
भ्रष्टाचार के मुद्दे के साथ-साथ मोदी ने जनसभा में घुसपैठ और तुष्टिकरण की राजनीति का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि “डेमोग्राफी मिशन के जरिए हम हर घुसपैठिए को देश से बाहर करेंगे। बिहार के लोगों का हक छीनकर वोटबैंक की राजनीति करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
यह बयान भाजपा की परंपरागत राष्ट्रवादी लाइन को मजबूत करता है और बिहार में हिंदू वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
आज का शाह टाइम्स ई-पेपर डाउनलोड करें और पढ़ें

मंच पर आरजेडी विधायकों की मौजूदगी और अटकलें
मोदी की इस सभा में एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला। भाजपा के मंच पर आरजेडी की विधायक विभा देवी और प्रकाश वीर दिखाई दिए। इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि क्या ये दोनों विधायक एनडीए का दामन थामने वाले हैं। हालांकि अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “लोकतंत्र में हर किसी को कहीं भी जाने की आजादी है। भाजपा के नेता भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं।”
नीतीश कुमार की तारीफ और तेजस्वी पर चोट
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की तारीफ की। उन्होंने कहा कि “नीतीश जी हैं, तभी शिक्षकों की भर्ती पूरी पारदर्शिता से हुई।” यह बयान न केवल नीतीश को श्रेय देता है, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से यह भी संदेश देता है कि अगर नीतीश नहीं रहे तो सरकारी भर्तियों में गड़बड़ी की आशंका बढ़ जाएगी।
यहां मोदी ने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर सीधा हमला किया। हाल ही में तेजस्वी ने दावा किया था कि बिहार में सरकारी नौकरियां उनकी वजह से दी गईं। इस पर मोदी ने गयाजी से जवाब दिया कि “सच यह है कि पारदर्शिता से भर्ती नीतीश कुमार की वजह से संभव हुई है।”
विकास योजनाओं की सौगात
प्रधानमंत्री ने इस दौरे पर बिहार को 13 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का तोहफा दिया। गयाजी जिले के बोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय परिसर से उन्होंने परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
साथ ही प्रधानमंत्री ने युवाओं के लिए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का भी जिक्र किया। इस योजना के तहत जो युवा निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी करेंगे, उन्हें सरकार की तरफ से 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
राजनीतिक संदेश और चुनावी रणनीति
गया से प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश बहुआयामी था। एक तरफ उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी बिल के जरिए विपक्ष पर हमला बोला, दूसरी ओर घुसपैठ और वोटबैंक की राजनीति का मुद्दा उठाकर राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद का एजेंडा पेश किया। साथ ही नीतीश कुमार की तारीफ करके उन्होंने एनडीए में सामंजस्य और मजबूती का संदेश दिया।
विश्लेषकों का मानना है कि यह पूरा भाषण भाजपा की 2025 बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 लोकसभा चुनाव रणनीति की झलक है। भाजपा आने वाले चुनाव में भ्रष्टाचार, विकास और राष्ट्रवाद—इन तीन मुद्दों को केंद्र में रखकर चुनावी नैरेटिव गढ़ने की तैयारी में है।
निष्कर्ष
गयाजी की धरती से पीएम मोदी का भाषण आने वाले समय की राजनीति का स्पष्ट संकेत है। भ्रष्टाचार विरोधी बिल को आधार बनाकर भाजपा कांग्रेस और आरजेडी पर हमला करेगी, जबकि विकास और रोजगार योजनाओं को जनता के सामने अपनी उपलब्धि के तौर पर पेश करेगी। घुसपैठ और राष्ट्रवाद के मुद्दे से पार्टी अपना परंपरागत वोटबैंक और मजबूत करना चाहती है।
इस तरह गया से पीएम मोदी का संदेश न केवल बिहार की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय सियासत के लिए भी निर्णायक साबित हो सकता है।



