
2025 में दुनिया के सबसे सुरक्षित और असुरक्षित देशों की स्थिति
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2025 में आइसलैंड सबसे सुरक्षित, भारत 115वें स्थान पर
ग्लोबल पीस इंडेक्स 2025 में आइसलैंड सबसे सुरक्षित, भारत 115वें स्थान पर; जानें दुनिया के सबसे सुरक्षित और असुरक्षित देशों की पूरी रिपोर्ट।
London,(Shah Times) । इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) ने 2025 का ग्लोबल पीस इंडेक्स (GPI) जारी कर दिया है। यह इंडेक्स 163 स्वतंत्र देशों और क्षेत्रों को शामिल करता है, जो वैश्विक आबादी के 99.7% का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसमें 23 संकेतक शामिल हैं, जिनमें सैन्यीकरण, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संघर्ष, हत्या, आतंकवाद और सामाजिक सुरक्षा जैसी परिस्थितियाँ मापी जाती हैं।
आइसलैंड: लगातार शीर्ष स्थान पर सबसे शांतिपूर्ण देश
आइसलैंड ने 2008 से लगातार यह स्थान बरकरार रखा हुआ है। कम अपराध दर, मजबूत सामाजिक विश्वास और बिना स्थायी सेना के कारण यह देश अत्यंत सुरक्षित माना जाता है। यूरोप के अन्य देश जैसे आयरलैंड, फिनलैंड, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, डेनमार्क और स्लोवेनिया भी इस सूची में शामिल हैं। एशिया में सिंगापुर और खाड़ी देशों के UAE, क़तर और ओमान भी उच्च रैंकिंग के लिए जाने जाते हैं।
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भारत की स्थिति और सुधार की संभावनाएँ
भारत को 163 देशों में 115वां स्थान मिला है। इसका GPI स्कोर 2.229 है, जो पिछले साल की तुलना में 0.58% सुधार दर्शाता है। यह इंगित करता है कि देश की सुरक्षा स्थिति में थोड़ी बढ़त हुई है, विशेषकर सामाजिक सुरक्षा और आतंकवाद नियंत्रण के क्षेत्रों में। हालांकि भारत अभी भी विकसित देशों के मुकाबले मध्य पायदान पर है।
सबसे सुरक्षित देशों की सूची
आइसलैंड
आयरलैंड
न्यूजीलैंड
फिनलैंड
ऑस्ट्रिया
स्विट्जरलैंड
सिंगापुर
पुर्तगाल
डेनमार्क
स्लोवेनिया
इन देशों में अपराध दर कम, राजनीतिक स्थिरता अधिक और सैन्यीकरण न्यूनतम है। स्थिर अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना इनकी सुरक्षा का मुख्य कारण हैं।
सबसे असुरक्षित देशों की सूची
रूस
यूक्रेन
अफगानिस्तान
यमन
सीरिया
सूडान
दक्षिण सूडान
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो
सोमालिया
माली
ये देश गृहयुद्ध, आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता से ग्रस्त हैं। नागरिक अशांति और मानवीय संकट ने यहां सुरक्षा को बेहद कमजोर कर दिया है। रूस और यूक्रेन में हाल के संघर्षों ने असुरक्षा स्तर को और बढ़ा दिया है।
युद्ध, आतंकवाद और गृहसंघर्ष का प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से संघर्षों की संख्या अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच चुकी है। तीन नए बड़े संघर्ष इस वर्ष उभरे हैं। वहीं, शीर्ष प्रदर्शन करने वाले देश स्थिर बने हुए हैं, जो उनके दीर्घकालीन प्रयासों और सामाजिक अनुशासन का प्रमाण है।
सुरक्षा मापदंड और वैश्विक तुलना
सुरक्षा का विश्लेषण कई घटकों पर आधारित होता है:
अपराध दर और हिंसा
आतंकवाद और राजनीतिक स्थिरता
पुलिसिंग और जन सुरक्षा
सैन्यीकरण का स्तर
GPI इन सभी कारकों को जोड़कर एक समग्र रैंकिंग प्रदान करता है। भारत के लिए यह संकेत है कि देश ने आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद नियंत्रण में सुधार किया है, लेकिन अभी भी उसे स्थिर विकसित देशों के स्तर तक पहुंचने में समय लगेगा।
निष्कर्ष: स्थिरता और सुरक्षा के बीच संतुलन
2025 का ग्लोबल पीस इंडेक्स दर्शाता है कि दुनिया में सुरक्षा का पैमाना अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न है। आइसलैंड और यूरोप के अन्य देश अत्यंत सुरक्षित हैं, जबकि अफ्रीका और मध्य पूर्व संघर्षों और आतंकवाद के कारण असुरक्षित बने हुए हैं। भारत ने सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया है, लेकिन वैश्विक स्तर पर उसे और सुधार करने की आवश्यकता है। स्थिरता और सुरक्षा के बीच संतुलन ही किसी देश की दीर्घकालीन शांति सुनिश्चित करता है।