
उपवास के दौरान क्यों किया जाता है सेंधा नमक का इस्तेमाल आइए जानते हैं।
अपने ज्यादातर गौर किया होगा कि हमेशा उपवास के दौरान सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। खासकर नवरात्रि पर्व में सेंधा नमक का इस्तेमाल करके ही भोजन बनाया जाता है, लेकिन कुछ लोगों के मन में यह सवाल तो अवश्य आता होगा कि आखिर उपवास के दौरान सेंधा नमक का इस्तेमाल क्यों किया जाता है। तो चलिए आज हम आपके इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं की नवरात्रि में सेंधा नमक का इस्तेमाल क्यों किया जाता है, और इसका क्या कारण है। आईए जानते हैं।
22 सितंबर से नवरात्रि पर्व शुरु हो चुका है। इस दौरान भक्तजन मां दुर्गा की पूजा अर्चना और व्रत भी रखते हैं। व्रत रखते समय में कई नियमों का पालन किया जाता है। व्रत के दौरान नमक को लेकर भी नियम बताएं गए है। नवरात्रि व्रत में नमक का सेवन वर्जित होता है, तो इन नौ दिनों तक आप साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। कई बार मन सवाल उठता है कि व्रत में सेंधा नमक ही क्यो खाया जाता है। इसका जवाब जानना चाहते हैं, तो आपको बताते हैं, इसके पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि आयुर्वेदिक और हेल्थ से जुड़े फायदे भी है।
क्या है सेंधा नमक
सेंधा नमक एक प्राकृतिक खनिज है, जिसे पहाड़ों की खदानों से निकाला जाता है। इसे किसी तरह से प्रोसेस नहीं किया जाता, जिसके कारण इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे कई खनिज सुरक्षित रहते हैं। इसका रंग हल्का गुलाबी या ग्रे होता है, जिसे “पिंक सॉल्ट” भी कहते हैं। आयुर्वेद में इसे बहुत शुद्ध माना गया है और इसलिए उपवास में इसका सेवन अनिवार्य बताया गया है।
धार्मिक कारण
भारतीय परंपरा में सेंधा नमक को सबसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है। यह नमक हिमालयी क्षेत्रों में चट्टानों से निकाला जाता है और इसे किसी भी प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया से नहीं गुजारा जाता। इसी कारण इसे “पाषाण नमक” या “रॉक साल्ट” भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सामान्य नमक समुद्री जल को सुखाकर या वाष्पीकृत करके बनाया जाता है, जिसमें कई प्रकार की अशुद्धियाँ या बाहरी तत्व हो सकते हैं। वहीं, सेंधा नमक अपनी प्राकृतिक अवस्था में पाया जाता है, जो इसे व्रत जैसे शुद्ध अनुष्ठानों के लिए आदर्श बनाता है।
व्रत में सेंधा नमक क्यों खाया जाता है
माना जाता है कि व्रत में सेंधा नमक खाने से व्रत खंडित नहीं होता है। क्योंकि सेंधा नमक प्राकृतिक रुप से मिनरल्स से भरपूर होता है और इसमें कोई भी अशुद्धता या कैमिकल्स मौजूद नहीं होते हैं। वहीं, साधारण नमक में केमिकल से भरपूर होता है। इसलिए व्रत में सेंधा नमक के सेवन के पीछे का धार्मिक कारण इसकी शुद्धता है।
व्रत में सेंधा नमक खाने से हेल्थ को मिलते हैं जबरदस्त फायदे
इम्यूनिटी बूस्ट होना
सेंधा नमक में जिंक, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाएं जाते हैं, जो कि शरीर के लिए बेहद जरुरी होते हैं। सेंधा नमक खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है, इससे व्यक्ति बाहरी संक्रमण से बचा सकता है।
पाचन को दुरुस्त रखना
उपवास के दौरान लिए जाने वाला फलाहार जैसे कि साबूदाना, कुट्टू का आटा, फल और सूखे मेवे। इन चीजों को सेंधा नमक के साथ खाने आसानी से डाइजेस्ट किया जा सकता है। सेंधा नमक स्वाद भी बढ़ाता है और इसे पचाने में भी मदद करता है।
इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखना
सेंधा नमक में सोडियम और पोटैशियम का मात्रा अधिक होती है। जो कि यह इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाएं रखता है। जो कि व्रत में ऊर्जा प्रदान करता है। सेंधा नमक का सेवन करने से ह्रदय और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याएं कम करने में मदद करता है।
निष्कर्ष
सेंधा नमक प्राकृतिक और मिनरल्स से भरपूर है, इसलिए व्रत और उपवास में यह सफेद नमक से बेहतर विकल्प है।लेकिन इसकी आयोडीन की कमी को देखते हुए इसे रोजमर्रा के खाने का हिस्सा बनाना समझदारी नहीं है। सबसे अच्छा तरीका यही है कि व्रत के दौरान सेंधा नमक और नॉर्मल दिनों में आयोडीन युक्त सफेद नमक का बैलेंस बनाकर इस्तेमाल करें। इससे आप हेल्थ के लिए भी सही रहेंगे और शरीर को जरूरी मिनरल्स भी मिलते रहेंगे।