
Muzaffarnagar police encounter 1 lakh reward gangster Naeem Qureshi shot dead
मुजफ्फरनगर मुठभेड़: 1 लाख का इनामी नईम कुरैशी मारा गया, 36 मुकदमे दर्ज
मुजफ्फरनगर पुलिस की बड़ी सफलता, 36 मुकदमों वाला अपराधी खत्म
Muzaffarnagar, 28 September 2025 | Shah Times
मुजफ्फरनगर में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। 1 लाख का इनामी अपराधी नईम कुरैशी पुलिस की गोली से मारा गया। उसके खिलाफ 36 मुकदमे दर्ज थे। मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ जबकि बदमाश का साथी फरार हो गया।
शनिवार देर रात मुजफ्फरनगर के मीरापुर थाना क्षेत्र में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब पुलिस और बदमाश आमने-सामने आ गए। सूचना थी कि दो अपराधी इलाके में किसी वारदात की फिराक में घूम रहे हैं। पुलिस ने घेराबंदी की तो अचानक फायरिंग शुरू हो गई।
कुतुबपुर गंगनहर पुल के पास हुई इस मुठभेड़ में बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। जवाबी फायरिंग में दक्षिणी खालापार निवासी नईम कुरैशी पुत्र यूसुफ गोली लगने से ढेर हो गया। उसका साथी गन्ने के खेत का फायदा उठाकर भाग निकला।
नईम को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उसके पास से बाइक और अवैध पिस्टल बरामद हुई।
पुलिस की स्थिति
इस मुठभेड़ में पुलिस की तरफ से भी खतरा टला नहीं। इंस्पेक्टर बबलू कुमार वर्मा की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लगी जबकि हेडकांस्टेबल कालूराम हाथ में घायल हुए। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया और फरार आरोपी की तलाश में कॉम्बिंग अभियान चलाया।
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नईम का आपराधिक रिकॉर्ड
नईम कुरैशी कोई आम अपराधी नहीं था। उसका नाम वेस्ट यूपी के गैंगस्टर नेटवर्क में लंबे वक्त से शामिल रहा।
उसके खिलाफ 36 मुकदमे दर्ज थे।
20 मामले लूट के,
6 मामले हत्या के,
बाकी मामलों में डकैती और रंगदारी शामिल।
नईम का नाम नफ़ीस कालिया गैंग से भी जुड़ा रहा। यह गैंग वेस्ट यूपी और दिल्ली में लंबे समय से सक्रिय है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि नईम अक्सर छोटे गैंगस्टरों को अपने साथ जोड़कर वारदात करता था।
वेस्ट यूपी और अपराध
मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ और सहारनपुर का इलाका लंबे समय से अपराध के लिहाज से संवेदनशील रहा है। यहां शुगर बेल्ट होने के कारण खेतों में गन्ना अपराधियों के लिए छिपने की पनाहगाह बन जाता है।
गैंगस्टर अक्सर खेतों का फायदा उठाकर भाग निकलते हैं, जैसा कि इस बार नईम का साथी कर पाया। यही वजह है कि पुलिस को इस इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन में हमेशा अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय असर
नईम कुरैशी का नाम सुनकर लोग दहशत में आ जाते थे। कई व्यापारियों और ग्रामीणों ने उस पर दबाव और वसूली के आरोप लगाए थे। उसकी मौत के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।
हालांकि, इलाके में एक सवाल भी बार-बार उठ रहा है – क्या नईम जैसा अपराधी अकेले काम करता था या उसके पीछे कोई और नेटवर्क भी है?
पुलिस की प्रतिक्रिया
मुजफ्फरनगर पुलिस एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बयान जारी कर कहा कि नईम पर 1 लाख रुपये का इनाम था और उसकी मौत पुलिस की बड़ी सफलता है। उन्होंने बताया कि नईम का साथी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
एनकाउंटर की कामयाबी और सवाल
नईम का मारा जाना कानून-व्यवस्था के लिहाज से निश्चित ही एक बड़ी सफलता है। लेकिन हर बार की तरह इस एनकाउंटर ने भी बहस छेड़ दी है।
क्या अपराधियों से निपटने का एकमात्र रास्ता गोली ही है? या फिर पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करने की ज़रूरत है?
गैंगस्टर कल्चर की जड़ें
सच्चाई यह है कि वेस्ट यूपी का गैंगस्टर कल्चर अचानक पैदा नहीं हुआ। यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कारकों से पनपा है। गन्ने की बेल्ट में पैसों का प्रवाह है, लेकिन बेरोज़गारी और अपराध का मेल इसे गैंगस्टरों के लिए मुफीद बना देता है।
नईम जैसे अपराधी कई बार स्थानीय राजनीति और अपराध की अंधेरी दुनिया के बीच की कड़ी भी बन जाते हैं। यही वजह है कि इन्हें खत्म करना आसान नहीं होता।
पुलिस की चुनौती
पुलिस के सामने दोहरी चुनौती है। एक तरफ उसे अपराधियों से निपटना होता है, दूसरी तरफ कानून की सीमाओं का भी ध्यान रखना पड़ता है। एनकाउंटर में पुलिसकर्मी की जान का खतरा हमेशा बना रहता है। इस बार भी कालूराम घायल हुए और इंस्पेक्टर वर्मा की जैकेट पर गोली लगी।
आगे का रास्ता
नईम कुरैशी का अंत एक बदमाश का खात्मा जरूर है, लेकिन असली जीत तब होगी जब इस कल्चर को जड़ से खत्म किया जाएगा। इसके लिए ज़रूरी है –
स्थानीय पुलिस नेटवर्क को मज़बूत करना
युवाओं को अपराध की बजाय रोजगार से जोड़ना
राजनीति और अपराध के गठजोड़ पर सख्ती करना