
Indigo to resume direct flights between India and China after 5 years – Shah Times
भारत और चीन के दरमियान 5 साल बाद सीधी उड़ानें शुरू
भारत-चीन रिश्तों में नयी उड़ान: सीधी फ्लाइट्स की वापसी
📍 नई दिल्ली, 2 अक्टूबर 2025 ✍️ आसिफ़ खान
भारत और चीन के बीच पांच साल बाद सीधी फ्लाइट सेवाएं फिर से शुरू हो रही हैं। यह कदम दोनों देशों के रिश्तों में नयी हवा भरने वाला माना जा रहा है। कोविड और गलवान घाटी तनाव के बाद टूटी हवाई कड़ी अब अक्टूबर के अंत से जुड़ जाएगी।
पांच साल बाद आसमान में फिर जुड़ेंगे भारत-चीन
भारत और चीन का रिश्ता हमेशा से जटिल रहा है। एक तरफ़ दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सहयोग जरूरी है, वहीं सीमा विवाद और भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा रिश्तों को चुनौती देती रही है।
सीधी उड़ानों की बहाली केवल यात्रा की सुविधा का मामला नहीं है, बल्कि यह कूटनीति का एक प्रतीक है। 2020 में कोविड-19 महामारी के बाद दोनों देशों के बीच उड़ान सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं। इसके बाद गलवान घाटी में हुई हिंसा के कारण यह सेवाएं बहाल नहीं हुईं। अब पांच साल बाद यह बहाली दर्शाती है कि रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
सीधी उड़ानों की बहाली: एक प्रतीकात्मक कदम
भारत और चीन के बीच लंबी अवधि तक हवाई मार्ग बंद रहने से छात्रों, व्यापारियों और पर्यटकों को तीसरे देशों के रास्ते जाना पड़ता था। इससे यात्रा खर्च बढ़ता था और संबंधों में दूरी बढ़ती थी। अब इंडिगो की 26 अक्टूबर से कोलकाता-ग्वांगझू फ्लाइट बहाली से यह समस्या हल होगी।
दिल्ली और ग्वांगझू के बीच भी जल्द ही उड़ानें शुरू होंगी।
व्यापार और टूरिज़्म पर इसका सकारात्मक असर होगा। व्यापारियों के लिए निवेश यात्राएं आसान होंगी, छात्र अपनी पढ़ाई के लिए आराम से यात्रा कर सकेंगे और पर्यटन उद्योग को भी पुनर्जीवन मिलेगा।
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व्यापार और टूरिज़्म पर असर
हवाई कनेक्टिविटी किसी भी रिश्ते की असली नब्ज़ होती है। पांच साल से छात्र, कारोबारी और टूरिस्ट्स को तीसरे मुल्कों के रास्ते जाना पड़ रहा था। इससे न सिर्फ़ खर्च बढ़ा, बल्कि रिश्तों में दूरी भी और गहरी हुई।
अब इंडिगो और जल्द ही अन्य एयरलाइंस की एंट्री से कारोबारियों के लिए निवेश यात्राएं आसान होंगी। यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी राहत होगी। टूरिज़्म इंडस्ट्री, जो कोविड के बाद से भारी नुक़सान झेल रही थी, अब इस फैसले से दोबारा सांस ले पाएगी।
सुरक्षा और भू-राजनीतिक निहितार्थ
सीधी उड़ानों की बहाली सुरक्षा और भू-राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह कदम दोनों देशों के बीच संवाद बढ़ाने, भरोसा बनाने और क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
पिछले सालों में दोनों देशों ने कई उच्च-स्तरीय बैठकें की हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया भी पूरी की है। इन सब घटनाओं के बीच उड़ानों की बहाली यह दर्शाती है कि दोनों देश अब रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
इंसानी पहलू
इस कदम का इंसानी पहलू भी अहम है। पांच साल से परिवार और रिश्तेदार एक-दूसरे से मिलने के लिए लंबी और महंगी यात्राएं कर रहे थे। अब यह सुविधा उन्हें राहत देगी और पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करेगी।
भविष्य की राह
भविष्य की राह स्पष्ट नहीं है, लेकिन अगर व्यापार, शिक्षा और पर्यटन में सहयोग बढ़ता है, तो यह कदम एशिया के भविष्य और भारत-चीन रिश्तों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।