
किडनी और मूत्राशय की पथरी के लिए खदमा फल बीज का आयुर्वेदिक-उपचार?
किडनी या मूत्राशय में पथरी होना आजकल एक आम समस्या बन चुकी है। खराब खानपान, पानी की कमी और असंतुलित जीवनशैली इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। लेकिन आयुर्वेद में कई ऐसे प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जिनसे पथरी को बिना ऑपरेशन के ही बाहर निकाला जा सकता है। इनमें खदमा फल (गोकुरा/भिंडी जैसा दिखने वाला फल) के बीज विशेष रूप से उपयोगी माने जाते हैं।
खदमा फल और इसके बीज क्या हैं?
खदमा एक औषधीय फल है जो गांवों और खेतों में आसानी से मिल जाता है। इसका पौधा भिंडी की तरह दिखता है और इसके भीतर छोटे-छोटे बीज होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, ये बीज मूत्रवर्धक (diuretic) और पथरी नाशक गुणों से भरपूर होते हैं।
पथरी के लिए खदमा बीज कैसे काम करते हैं?
बीज मूत्र को पतला करने का काम करते हैं, जिससे पेशाब आसानी से होता है।
इनमें मौजूद प्राकृतिक तत्व पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटते हैं।
ये टुकड़े पेशाब के रास्ते धीरे-धीरे शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
नियमित सेवन से मूत्र मार्ग की सूजन और जलन भी कम होती है।
खदमा बीज के फायदे
पथरी नाशक – किडनी और ब्लैडर की पथरी को गलाकर बाहर निकालते हैं।
मूत्र रोगों से राहत – जलन, बार-बार पेशाब आना और संक्रमण में फायदेमंद।
लिवर को मजबूती – खदमा बीज लिवर की कार्यक्षमता को भी बढ़ाते हैं।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण – शरीर में सूजन को कम करते हैं।
नेचुरल डिटॉक्स – शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालते हैं।
खदमा बीज का उपयोग करने का सही तरीका
बीज का पाउडर: 5–6 ग्राम खदमा बीज को सुखाकर पाउडर बना लें।
गुनगुने पानी के साथ सेवन: इस पाउडर को सुबह-शाम गुनगुने पानी या छाछ के साथ लें।
काढ़ा बनाकर: बीज को पानी में उबालकर छान लें और ठंडा करके दिन में दो बार पिएं।
समय: लगातार 15–20 दिन तक इसका सेवन करने से लाभ स्पष्ट दिखाई देने लगता है।
सावधानियां
गर्भवती महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन न करें।
जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, वे सीमित मात्रा में ही लें।
लंबे समय तक अधिक मात्रा में सेवन न करें।
पथरी बहुत बड़ी या जटिल है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
खदमा फल के बीज एक प्राकृतिक औषधि हैं जो पथरी की समस्या को बिना ऑपरेशन के खत्म करने में मदद कर सकते हैं। सही तरीके से नियमित सेवन करने पर ये बीज पेशाब के रास्ते पथरी को काट-काटकर बाहर निकाल देते हैं। हालांकि, किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा सुरक्षित रहता है।