
इस पत्ते को चबाने से आपको मिल जाएगा पीले दांतों की समस्या से छुटकारा?
दांतों के पीलापन के कारण जैसे उम्र का बढ़ना, चाय-कॉफी का सेवन, स्मोकिंग और दांतों की सफाई न करने के बारे में बताया गया है। दांतों के पीलापन को दूर करने के लिए नीम, अमरूद, तुलसी और पान के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। इन पत्तियों में जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो दांतों को स्वस्थ और मसूड़ों को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। उनका नियमित इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
दांत और मसूड़ों की सेहत केवल मुंह तक सीमित नहीं रहती। अगर दांत ठीक से खाना चबाए नहीं जाते, तो पाचन अधूरा रह जाता है, जिससे कब्ज, गैस, सिरदर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए ओरल हेल्थ पूरी बॉडी की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। अक्सर लोग दांतों और मसूड़ों की समस्याओं को कम करने के लिए लौंग पाउडर, हल्दी पाउडर,सेंधा नमक,सरसों का तेल और नीम के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि एक हर्बल पत्ता और है जो आपके दांतों पर अमृत की तरह काम करता है।
कौन सा है वह पत्ता।
दरअसल हम बात कर रहे हैं तिलचट्टा की जिसे कई नामों जैसे अप्पा मार्ग और चिरचिट्टा के पत्तों के नाम से भी जाना जाता है। इन पत्तों को अगर चबाया जाए या फिर उनका मंजन बनाकर इस्तेमाल किया जाए तो दांतों की सफाई होती है। इन पत्तों का पेस्ट दांतों की सतह को गहराई से साफ करता है और प्लाक को कम करता है। इन पत्तों का मंजन बनाकर अगर रोज इस्तेमाल किया जाए तो मसूड़ों में सूजन और ब्लीडिंग कंट्रोल रहती है।
क्या कहती है मेडिकल रिसर्च
मेडिकल रिसर्च के मुताबिक अगर आप पीले दांतों से परेशान हैं तो आप तिलचट्टा के पत्तों का सेवन करें। इन पत्तों का इस्तेमाल करने से दांत मजबूत और स्वस्थ रहते हैं। इन पत्तों का मंजन बनाकर रोज इस्तेमाल किया जाए तो दांतों की सेंसिटिविटी कम होती है। ये पत्ते गर्म या ठंडे खाने-पीने से होने वाली सेंसिटिविटी को घटाता है और सांसों की दुर्गंध को दूर करता है। आइए जानते हैं कि तिलचट्टा के पत्तों का सेवन करने से ओरल हेल्थ पर कैसा असर होता है। ये पत्ते कैसे पीले दांतों को सफेद कर सकते हैं, दांतों के कीड़े का इलाज करते हैं।