
India Pakistan women’s cricket toss controversy in Colombo stadium
मेल जोन्स की गलती से टॉस पर विवाद, भारत-पाकिस्तान मैच में नया मोड़
आईसीसी महिला वर्ल्ड कप 2025: टॉस ड्रामा के बीच पाकिस्तान ने चुनी गेंदबाजी
📍कोलंबो, श्रीलंका । 05 अक्टूबर 2025 । ✍️संदीप शर्मा
भारत-पाकिस्तान महिला वर्ल्ड कप मैच में टॉस को लेकर अजीब हालात बने। ऑस्ट्रेलियाई प्रस्तोता मेल जोन्स से हुई गलती ने विवाद को हवा दी। पाकिस्तान ने गेंदबाजी चुनी, लेकिन सवाल ये है कि क्या इस चूक से मैच की साख पर असर पड़ा।
कोलंबो में भारत-पाक मुकाबला, टॉस विवाद ने बढ़ाई तल्ख़ी
कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए महिला वर्ल्ड कप 2025 के छठे मैच ने सबको चौंका दिया। मैदान पर सिर्फ़ बल्ला और गेंद का टकराव नहीं था, बल्कि जज़्बात, इतिहास और गलतियों का असर भी दिखा।
पाकिस्तान की कप्तान फ़ातिमा सना और भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर टॉस के लिए मैदान में उतरीं। जैसा कि सबने देखा, माहौल बेहद तनाव भरा था। दोनों कप्तानों ने हाथ नहीं मिलाया। यह तल्ख़ी अचानक पैदा नहीं हुई बल्कि इसकी जड़ें एशिया कप 2025 में छिपी हैं। उस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के बीच हाथ मिलाने से इंकार ने रिश्तों में दरार गहरी कर दी थी। यहां तक कि भारतीय खिलाड़ियों ने ट्रॉफी पीसीबी चीफ़ मोहसिन नक़वी से लेने से भी मना कर दिया था।
अब जब वर्ल्ड कप के इस बड़े मंच पर दोनों टीमें आमने-सामने आईं, तो लोगों को उम्मीद थी कि क्रिकेट खेल की गरिमा बचाएगा। लेकिन टॉस पर हुई ग़लती ने मैच से पहले ही विवाद की नींव डाल दी।
ऑस्ट्रेलिया की मेल जोन्स जब टॉस की मेज़बान बनीं, तो उन पर सबकी नज़रें थीं। सिक्का उछला, पाकिस्तान की कप्तान सना ने साफ़ आवाज़ में “टेल्स” पुकारा। लेकिन मेल जोन्स ने “हेड्स” बोलकर नतीजा सना के पक्ष में घोषित कर दिया।
इस पल ने सभी को हैरान कर दिया। स्क्रीन पर रिप्ले भी चला, जिसमें साफ़ सुना जा सकता था कि सना ने “टेल्स” कहा। सवाल यह उठने लगा कि क्या यह महज़ एक मानवीय भूल थी या कुछ और?
हरमनप्रीत कौर ने ग़लती पर कोई शोर नहीं मचाया। शायद वो मैदान पर ध्यान केंद्रित रखना चाहती थीं। लेकिन सोशल मीडिया पर आग भड़क उठी। फ़ैन्स ने इसे “क्रिकेटिंग एरर” से लेकर “डबल स्टैंडर्ड” तक बताया।
अब सोचिए, जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हों, तो छोटी-सी घटना भी आग का काम करती है। टॉस पर हुई यह चूक उसी आग का ईंधन बनी।
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मैदान के बाहर की कहानी
इस मैच की दिलचस्प बात यह रही कि क्रिकेट से ज़्यादा चर्चा टॉस और उससे जुड़ी गलतियों की हो रही है। दोनों देशों के मीडिया हाउस इस मुद्दे को अलग-अलग ढंग से पेश कर रहे हैं। भारत में इसे “अनफेयर कॉल” कहा जा रहा है, वहीं पाकिस्तान में इसे “लकी ब्रेक” बताया गया।
यहां हमें याद रखना होगा कि क्रिकेट सिर्फ़ खेल नहीं, बल्कि दोनों मुल्कों के बीच जज़्बाती पुल भी है। किसी भी छोटे विवाद का असर दर्शकों की सोच और भावनाओं पर पड़ता है।
मैच पर असर
पाकिस्तान ने गेंदबाज़ी चुनी। उनकी रणनीति थी कि सुबह की नमी का फायदा उठाया जाए। लेकिन सवाल बना रहा कि अगर टॉस सही तरीके से हुआ होता, तो क्या हालात अलग होते? भारत शायद गेंदबाजी चुनता और हालात मैच की दिशा बदल सकते थे।
मानवीय ग़लती या बड़ा सवाल
मेल जोन्स एक अनुभवी कमेंटेटर हैं। उनकी साख पर कोई सवाल नहीं उठता। लेकिन कैमरे के सामने हुई यह चूक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में बहुत बड़ी मानी जाती है। आईसीसी ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
यहां एक साधारण मिसाल दी जा सकती है: जैसे क्लास में टीचर अगर किसी स्टूडेंट का नाम ग़लत ले ले, तो मज़ाक बनता है। लेकिन बोर्ड एग्ज़ाम में अगर रिज़ल्ट की घोषणा में ग़लती हो जाए, तो यह करियर पर असर डालती है। यही फर्क है छोटे और बड़े मंच में गलती का।
दर्शकों की प्रतिक्रिया
स्टेडियम में बैठे फ़ैन्स ने शुरुआत में ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन टीवी रिप्ले और सोशल मीडिया क्लिप्स ने विवाद को हवा दे दी। भारत के फ़ैन्स को लगा कि टीम से नाइंसाफी हुई। वहीं पाकिस्तान के समर्थक इसे “गेम की किस्मत” बता रहे थे।
क्रिकेट की गरिमा पर असर
इस घटना ने सवाल उठाया कि क्या आईसीसी को टॉस की प्रक्रिया में तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए? जैसे तीसरे अंपायर का हस्तक्षेप या डिजिटल ऑडियो-कॉन्फ़र्मेशन। तकनीक से पारदर्शिता बढ़ सकती है और ऐसे विवादों से बचा जा सकता है।
नतीजा और सीख
मैच का नतीजा चाहे जो हो, लेकिन यह टॉस हमेशा याद रखा जाएगा। भारत-पाकिस्तान जैसे मुकाबलों में खेल से ज़्यादा कहानियाँ जन्म लेती हैं।
यह वाक़या बताता है कि खेल के मैदान पर हर पल मायने रखता है। और छोटी-सी गलती भी बड़े विवाद का रूप ले सकती है।