
डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली की एक अदालत ने दी अंतरिम जमानत
दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद एवं भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ दायर कथित यौन उत्पीड़न मामले (Sexual Harassment Case) में मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) हरजीत सिंह जसपाल ( Harjeet Singh Jaspal) की अदालत ने बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के अलावा सह आरोपी विनोद तोमर (Vinod Tomar) अंतरिम जमानत मंजूर कर राहत दी। अदालत के समक्ष दोनों आरोपियों की अंतरिम जमानत की याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध नहीं किया। उसके बाद अदालत में आरोपियों की अर्जी मंजूर कर ली।
अदालत उनकी नियमित जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगी। एसीएमएम की अदालत ने सात जुलाई को आरोपी सांसद के अलावा सह आरोपी उनके तत्कालीन असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर को भी अदालत में पेश होने का समन जारी किया था। अदालत ने इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र के मद्देनजर दोनों आरोपियों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।
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एसीएमएम की अदालत ने एक जुलाई को दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर मामले की सुनवाई सात जुलाई तक के लिए टाल दी थी। दिल्ली पुलिस ने अदालत से अनुरोध करते हुए कहा था कि मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया जा सकता है।अदालत ने पुलिस के इस अनुरोध पर इस तथ्य पर भी गौर किया था कि मामले में कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) रिपोर्ट अभी नहीं मिली है तथा उसका इंतजार किया जा रहा है।
इससे पहले इसी अदालत ने 27 जून को मामले को एक जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया था। तब अदालत ने आरोपी सांसद और तोमर के खिलाफ दायर लंबे आरोप पत्र को देखने के बाद मामले को स्थगित कर दिया था। सीएमएम महिमा राय सिंह की अदालत ने 22 जून को लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद मामले को 27 जून की सुनवाई के लिए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में स्थानांतरित किया था। दिल्ली पुलिस ने 15 जून को आरोपी सांसद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 , 354-ए, 354-डी और 506 के तहत आरोप पत्र अदालत में दायर किया था।