
मणिपुर को लेकर विपक्ष के हंगामे की वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को मणिपुर (Manipur) में हिंसा (violence) और महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाओं पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे और अब दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी है।
लोकसभा (Lok Sabha) अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने मणिपुर की घटनाओं पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। बिरला ( Birla) ने कहा कि उन्होंने विपक्षी दलों (Opposition Parties) के कार्यस्थगन पर कोई व्यवस्था दी है क्या? उन्हाेंने कहा कि समस्याओं और मुद्दों का समाधान नारेबाजी से नहीं निकलेगा। इनका समाधान चर्चा और बातचीत से निकलेगा। विपक्ष का यह तरीका उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) मणिपुर (Manipur) की घटनाओं को लेकर कुछ कहना चाहते हैं, उनकी बात सुन लीजिए।
सिंह ने कहा कि मणिपुर (Manipur) की घटनायें गंभीर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में महिलाओं के साथ बर्बरता करने वालों पर कठोर से कठोर से कार्रवाई करने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा, “मैंने भी सर्वदलीय बैठक में कहा था कि सरकार (Government) मणिपुर (Manipur) की हिंसक घटनाओं पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है। वही बात मैं फिर से दोहराता हूं कि सरकार मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए तैयार है। सदन की कार्यवाही चलने दें। हम चाहते हैं कि मणिपुर (Manipur) पर चर्चा होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं कि मणिपुर (Manipur) की घटनाओं पर चर्चा न हो। ऐसा लगता है कि प्रतिपक्ष इसको लेकर गंभीर नहीं है।
बिरला ने इसके बाद फिर विपक्षी दलों से शाेरशराबा और हंगामा न करने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह रवैया उचित नहीं है। वह चाहते हैं कि सदन में मुद्दों पर चर्चा हो। लोकसभा (Lok Sabha) अध्यक्ष के बार-बार आग्रह करने के बावजूद भी विपक्षी सदस्य शोरगुल करते रहे। राज्यसभा में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस समेत विपक्ष के अन्य दलों ने दिल्ली अध्यादेश (Delhi Ordinance) और मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर शोर-शराबा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बजकर 30 मिनट तक स्थगित करनी पड़ी और शून्यकाल नहीं हो सका। सुबह सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य जोगिनीपल्ली संतोष कुमार (Joginipally Santosh Kumar) को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी।
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इसके बाद धनखड़ ने सदन के पटल पर आवश्यक कागजात रखवायें और सदन को अगले सप्ताह की कार्य सूची की जानकारी देते हुए दिल्ली संबंधी अध्यादेश का उल्लेख किया। इस पर आप के सांसद संजय सिंह (MP Sanjay Singh) और राघव चड्ढा (Raghav Chadha) जोर-जोर से बोलने लगे। उनके साथ ही कांग्रेस (Congress) और विपक्ष के अन्य सदस्य भी अपनी-अपनी सीटों से आगे आ गए। सभापति ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए संजय सिंह को उनके नाम का उल्लेख करने की चेतावनी दी। इस बीच तेलंगाना राष्ट्र समिति के के. केशवराव (KK. Keshavrao) ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते कहा कि यह मामला अदालत में है। इसलिए इसे सदन में उठाने के लिए सभापति को व्यवस्था देनी चाहिए।
इसके बाद कांग्रेस (Congress) के प्रमोद तिवारी (Pramod Tiwari) मणिपुर (Manipur) में हिंसा का मामला उठाया। उनके समर्थन में कांग्रेस के अन्य सदस्य भी बोलने लगे। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि कल उनके भाषण से कुछ शब्दों को निकाल दिया गया है जबकि वे शब्द आपत्तिजनक नहीं हैं। उनके समर्थन में वामदल के सदस्य भी बोलने लगे। सदन में शोर-शराबा होने लगा। स्थिति को देखते हुए धनखड़ ने सदन की कार्यवाही अपराह्न ढाई बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी। गौरतलब है कि मानसून सत्र का यह दूसरा दिन है जब सदन में शून्य काल प्रश्न काल नहीं हो सका है।