
पूर्व सीएम हरीश रावत घुटनों तक पानी में खड़े हो कर किसानों का दर्द सुनते हुए
- यहां फसलें बुरी तरह से हुई नष्ट
- पूर्व सीएम ने घुटनों तक पानी में खड़े हो कर किसानों का दर्द जाना
- प्रभावितों को तीन गुना मुआवजा मिलना चाहिएः रावत
हरिद्वार। uttarakhand उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा से इस बार बड़ा नुकसान हुआ है। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक फसले बुरी तरह से बर्बाद हो गई है। hridwar हरिद्वार जनपद में गंगा किराने बसे कस्बो-शहरों में अधिक हानी हुई है। Friday शुक्रवार को किसानों का दर्द जानने के लिये उत्तराखण्ड के Former CM Harish Rawat Friday पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खानपुर, लक्सर, हरिद्वार ग्रामीण, रानीपुर, ज्वालापुर, भगवानपुर, मंगलोर व रुड़की आदि क्षेत्रो में किसानों से जनसंपर्क कर नुकसान का जायेजा लिया।
पूर्व सीएम हरीश रावत शुक्रवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र में कमर तक पानी में उतर कर आम जन के दुख में भागीदार बने। पिछले बीस दिन में हरीश रावत ने हरिद्वार की सभी विधानसभाओं में पहुंच कर लोगो के नुकसान को आंका है। शूक्रवार को महाराजपुर खुर्द विधानसभा लक्सर में घुटनों से ऊपर पानी में जलमग्न खेतों को देखते व किसानों से बातचीत करते हुए हरीश रावत को देखा गया। जहां सैंकड़ों एकड़ जमीन महाराजपुर खुर्द, गंगदासपुर से लेकर के अगल-बगल के क्षेत्रों जिनमे भोगपुर भी सम्मिलित है, किसानों के खेत पानी से डूबे पड़े है।
इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि बरसात के दस दिन बाद भी पानी की निकासी न होने के कारण फसलें बुरी तरह से नष्ट हो गई है (धान, गन्ना, चारा, सब्जी) किसानों को कोई सहायता अभी तक भी नहीं मिली है। किसानों में भारी आक्रोश है। हरीश रावत ने आज गंगदसपुर से लेकर बालावाली तक तटबंधों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जौरासी, रंसूरा क्षेत्र में फसलों को हुए नुकसान को भी देखा और टूटे हुए पुल का निरीक्षण कर किसानों व जनता से बातचीत की। हरीश रावत ने समस्त क्षेत्र को बाढ़ आपदा पीड़ित क्षेत्र घोषित करने, किसानों व प्रभावित लोगों को मुवावाजा देने की मांग की। रावत ने आपदा सहायता के मानकों को भी दुगुना लिए जाने की आवश्यकता बताई। हरीश रावत के साथ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली, संजय सैनी, उमादत शर्मा, मास्टर जगमेर, सतबीर चौधरी, अयाज अहमद, नासिर अली आदि मौजूद रहे।