
Mahatma Gandhi
Report- Anuradha Singh
आज भार(India)त की आज़ादी(Independence) का दिन है वो दिन जिस दिन हमारा देश अज़ाएद हुआ था मगर क्या आप जानते है की आज़ाद भारत के जश्न में राष्ट्रपिता (Father of the nation) महात्मा गाँधी शामिल नहीं थे.
जब पंडित जवाहरलाल नेहरू(Pandit Jawaharlal Nehru) 14 और 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को स्वतंत्र भारत (Independent India)में अपना पहला सार्वजनिक भाषण दे रहे थे, तो उस विशेष दिन स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले प्रमुख व्यक्ति होने के नाते गांधी ने किसी भी उत्सव में भाग लेने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि – “मैं 15 अगस्त की ख़ुशी नहीं मना सकता। मैं आपको धोखा नहीं देना चाहता। लेकिन साथ ही, मैं आपसे यह नहीं कहूंगा कि आप आनन्द न मनाये। दुर्भाग्य से आज हमें जिस प्रकार की आज़ादी मिली है उसमें भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में संघर्ष के बीज भी मौजूद हैं। अत: हम दीपक कैसे जला सकते हैं?
ऐतिहासिक दस्तावेजों में दावा किया गया कि गांधी (Father of the nation) (Mahatma Gandhi)पूरे बंगाल(Bengal) में शांति लाने के लिए कोलकाता(Kolkata) में थे, जहां एक साल से अधिक समय से मुस्लिम और हिंदू आपस में भिड़े हुए थे। नाओखली (अब बांग्लादेश में) जाने की योजना के साथ, गांधी 9 अगस्त, 1947 को कलकत्ता पहुंचे। वह मुस्लिम बहुल झुग्गी बस्ती मियाबागान के नजदीक हैदरी मंजिल में रुके और बंगाल में शांति लाने के लिए भूख हड़ताल पर थे।
बापू (Father of the nation) ने जिस आज़ादी के लिए इतना सघर्ष किया था यह वो आज़ादी नहीं थी बापू का मन यह देख कर बहुत ज्यादा उदास था की जो लोग कल तक साथ उठा बैठा करते थे अपने देश की आज़ादी के लिए लड़ रहे थे आज वही एक दूसरे की जान ले रहे है जिसके कारण बापू(Father of the nation) ने जश्न में शामिल न होने का फैसला किया।