
अखिलेश यादव ने कहा—एसआईआर में गड़बड़ी और दबाव बढ़ा
बीएलओ की मौत के बाद अखिलेश का सरकार पर निशाना
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसआईआर प्रक्रिया में जल्दबाज़ी, अधिकारियों के दबाव और मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर कटौतियों का आरोप लगाया।
📍लखनऊ ✍️ Asif Khan
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर एसआईआर गणना में जल्दबाज़ी, प्रशासनिक दबाव और मतदाता सूची में कथित हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भाजपा “माफिया जीवी पार्टी” बन चुकी है और संविधान की मूल भावना को कमजोर करने का काम कर रही है।
मतदाता सूची में कटौती का आरोप
अखिलेश यादव ने दावा किया कि भाजपा मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर नाम काट रही है। उन्होंने बताया कि घोसी संसदीय क्षेत्र के एक पत्र में लगभग 20,000 मतदाताओं के नाम हटाए जाने की शिकायत दर्ज है। उनके अनुसार, “एसआईआर जैसे संवेदनशील कार्य में इतनी जल्दबाज़ी संदेह पैदा करती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने नोएडा में एक सॉफ्टवेयर कंपनी को हायर कर मतदाता सूची पर काम करवाया है।
बीएलओ की मौत पर निशाना—“दबाव असहनीय था”
अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी मुख्यालय में उन दो बीएलओ परिवारों से मिले, जिनकी हाल में मौत हुई। उन्होंने मृतक विजय वर्मा के परिवार को 2 लाख रुपये की सहायता दी और राज्य सरकार से 1 करोड़ रुपये मुआवज़ा और एक परिवार सदस्य को नौकरी देने की मांग की।
विजय वर्मा की पत्नी संगीता ने बताया कि उनके पति को देर रात तक काम करना पड़ता था और अधिकारियों की ओर से एफआईआर की धमकी दी जाती थी। 14 नवंबर की रात काम करते समय उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया और 21 नवंबर को उनका निधन हो गया।
फतेहपुर में भी एक बीएलओ की आत्महत्या का मामला सामने आया है। अखिलेश ने कहा, “लगातार दबाव और असुरक्षा ने बीएलओ की ज़िंदगी संकट में डाल दी है। चुनाव आयोग को जवाब देना होगा।”
“हर विभाग में माफिया, सरकार कार्रवाई कब करेगी?”
उन्होंने लखनऊ में हाल में गिरफ्तार ड्रग तस्कर और जौनपुर के बाहुबली के बीच संबंधों का भी उल्लेख किया। जहरीली कफ सिरप के 100 करोड़ से ज़्यादा के अवैध कारोबार पर उन्होंने कहा कि सरकार की चुप्पी सवाल खड़े करती है।
“ये जमाना सीबीआई का नहीं, बुलडोजर का है—तो कार्रवाई कब होगी?” — यादव ने पूछा।
एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल
अखिलेश का आरोप है कि एसआईआर फार्म कई गांवों में पहुँचे ही नहीं, जबकि सरकारी दावे अलग बात कहते हैं। बिना ट्रेनिंग के सफाई कर्मचारियों को सहायक बनाकर गणना कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि जिनकी मौत हो जाए, उन्हें ‘ड्यूटी पर नहीं’ दिखाया जाए।
“यह संविधान प्रदत्त अधिकारों और आरक्षण को कमजोर करने की तैयारी है।”
समाजवादी पार्टी का रुख
सपा ने कहा है कि वह इस मुद्दे को विधानसभा और लोकसभा दोनों में उठाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल और वरिष्ठ नेता जावेद आब्दी उपस्थित थे।




