
वक़्फ़ अल्लाह की मिल्कियत, सरकार धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करे – जमीअत उलमा-ए-हिंद
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 13 मार्च 2025 को जंतर-मंतर, दिल्ली में वक़्फ़ बिल के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करेगा। जानें पूरी जानकारी।
वक़्फ़ बिल के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बड़ा प्रदर्शन, जंतर-मंतर पर जुटेंगे हजारों लोग
नई दिल्ली, (Shah Times) – केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक़्फ़ बिल के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कई अन्य मिल्ली संगठनों ने 13 मार्च 2025 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी और महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने इस विरोध प्रदर्शन का पूरा समर्थन किया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वक़्फ़ किसी व्यक्ति की संपत्ति नहीं, बल्कि यह अल्लाह की मिल्कियत है।
वक़्फ़ बिल पर क्या है मुस्लिम नेताओं का रुख?
मौलाना मदनी ने कहा कि सरकार वक़्फ़ की धार्मिक पहचान खत्म करने की साजिश कर रही है और यह मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा:
“इस्लामिक शरीयत के अनुसार, वक़्फ़ संपत्ति को बदला नहीं जा सकता, इसे बेचा नहीं जा सकता और इस पर किसी का निजी स्वामित्व नहीं हो सकता।”
जमीअत उलमा-ए-हिंद ने सरकार को साफ संदेश देते हुए कहा कि धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर वक़्फ़ बिल को वापस नहीं लिया गया, तो विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे।
13 मार्च के विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील
जमीअत उलमा-ए-हिंद ने सभी मुस्लिम संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और न्यायप्रिय नागरिकों से अपील की है कि वे इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भाग लें और लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक अधिकारों की रक्षा में अपनी भूमिका निभाएं।
वक़्फ़ बिल के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन भारत के मुस्लिम समाज के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। 13 मार्च 2025 को जंतर-मंतर पर हजारों लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।
Massive Protest by All India Muslim Personal Law Board Against Waqf Bill at Jantar Mantar
Waqf Belongs to Allah, Government Must Not Interfere in Religious Matters – Jamiat Ulama-e-Hind