
कतर जेल में बंद फांसी की सजा पाए सभी भारतीय नौसैनिक रिहा, देश वापसी
दिल्ली (जोया गौरी)। कतर जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहाई मिल गई हैं, भारतीय नौसैनिकों को कतर में जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई जिसे बाद में उम्रकैद की सजा कर दी गई थी लेकिन भारत के दखल के बाद कतर ने सजा को माफ कर दिया। अब पूर्व नौसैनिकों को कतर ने रिहा कर दिया। 8 में से 7 नौसैनिक भारत पहुंच चुके हैं। कतर के दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले नौसैनिकों की रिहाई के फैसले का भारत के विदेश मंत्रालय ने स्वागत किया है।
कतर में 8 पूर्व नौसेना अफसरों को मौत की सजा दी गई थी कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश शामिल थे । कतर और भारत दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण, मजबूत व्यापारिक रिश्ते हैं । भारत कतर के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करता रहा है। पीएम मोदी ने दुबई में आयोजित सीओपी 28 सम्मेलन के इतर कतर के अमीर शेख से मुलाकात की थी।
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पूर्व नौसैनिकों ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया और कहा की पीएम मोदी के हस्तक्षेप एवं वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती साख का परिणाम है भारत लौटना संभव नहीं होता। भारतीय नौसैनिक कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली कंपनी दहरा ग्लोबल में काम करते थे। पूर्व नौसैनिकों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी इनफॉर्मेशन इजराइल को देने का आरोप लगा था। लेकिन कतर ने आरोप सार्वजनिक नहीं किए थे । दाहरा कंपनी में प्रबंध निदेशक सेवानिवृत्त कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी को भारत कतर के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने और सेवाओं के लिए 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिला था।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी सबमरीन प्रोग्राम में कतर की नौसेना के लिए काम कर रही थी इस प्रोग्राम का मकसद रडार से बचने वाले हाईटेक इतालवी तकनीक पर आधारित सबमरीन हासिल करना था। पिछले साल कतर ने कंपनी को बंद करने का आदेश दिया था और इसके लगभग 70 कर्मचारियों को पिछले साल ही मई के अंत तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया था। इनमें ज़्यादातर भारतीय नौसेना के पूर्व नौसैनिक थे।
पूर्व नौसैनिकों की रिहाई ऐसे समय हुई जब भारत और कतर के बीच गैस को लेकर एक समझौता हुआ है। समझौते के तहत भारत कतर से एलएनजी खरीदेगा। यह समझौता 20 सालों के लिए है जिसकी कीमत 78 अरब डॉलर है। कतर हर साल भारत को 75 लाख टन गैस निर्यात करेगा इस गैस से भारत में बिजली, उर्वरक और सीएनजी का उत्पादन किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस मामले में कार्यवाही की गोपनीय और संवेदनशील प्रकृति के कारण,टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।’ सरकार कतर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक रणनीतियों के साथ घरेलू स्तर पर भी काम कर रही थी कतर में भारत सरकार का पक्ष रखने में भारत के पूर्व राजदूत दीपक मित्तल की बड़ी भूमिका रही, कतर में मार्च तक भारतीय राजदूत के रूप में काम कर रहे थे। विदेश मंत्री ने मौत की सजा पाए पूर्व नौसैनिकों के परिवारों से मुलाकात कर उन्हें आश्वासन देते हुए कहा था कि सरकार उनकी रिहाई को सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा करने के लिए केंद्र सरकार से लगातार कांग्रेस, एआईएमआईएम और अन्य विपक्षी दल भारतीय नौसैनिकों की भारत वापसी के लिए मांग कर रही थी।