
Amritpal Singh “Agniveer” Shah Times
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक और पंजाब में कांग्रेस और यूपी में आरएलडी ने अमृतपाल सिंह “अग्निवीर ” को शहीद का दर्जा न मिलने पर उठाया सवाल, देश की सियासत गरमायी
नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर के पुंछ में ड्यूटी के दौरान बलिदान देने वाले 19 साल के अमृतपाल सिंह “अग्निवीर ” को सेना द्वारा सलामी नहीं दिए जाने पर मुल्क में सियासत गरमा गई है।
पंजाब के रहने वाले अमृतपाल सिंह “अग्निवीर ” पिछले साल दिसंबर में भी अग्निवीर में भर्ती हुए थे। 10 अक्टूबर को अमृतपाल ने ड्यूटी के दौरान देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।
अमृतपाल सिंह “अग्निवीर ” की मौत की खबर सुनकर पूरे पंजाब में शोक छा गया। अमृतपाल का पार्थिव शरीर लेकर सेना उनके गांव पहुंची लेकिन बिना सलामी दिए ही वापस चली गई। सेना के जवानों से जब इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने सरकार की नीति का हवाला दे दिया। इसके बाद अग्निवीर को शहीद का दर्जा न दिए जाने को लेकर पंजाब में कांग्रेस और यूपी में आरएलडी ने मुद्दा बना लिया। इतना ही नहीं पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी अमृतपाल सिंह “अग्निवीर ” को शहीद का दर्जान दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर कई सवाल उठाए। उधर,अग्निवीर को शहीद का दर्जा नहीं दिए जाने को लेकर शुरू हुई सियासत के बाद सेना की ओर से बयान जारी किया गया है।
सेना ने अपने बयान में कहा है कि अमृतपाल सिंह “अग्निवीर ” ने खुद को गोली मार ली थी। इसलिए सेना के नियमों के मुताबिक गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया।