
Asim Munir
इस्लामाबाद (Shah Times): पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल Asim Munir ने फिर से कश्मीर का राग अलापा है। भारत ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की उस टिप्पणी को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कश्मीर इस्लामाबाद की “गले की नस” है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़े शब्दों में बयान जारी कर संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान का “कश्मीर के साथ एकमात्र संबंध” अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्र को खाली करना है।
जायसवाल ने कहा, “कोई विदेशी चीज कैसे गले में अटक सकती है? यह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। पाकिस्तान के साथ इसका एकमात्र संबंध उस देश द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करना है।”
उनकी यह टिप्पणी मुनीर द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों से यह बताने का आग्रह करने वाले एक वीडियो के वायरल होने के कुछ घंटों बाद आई है कि उनके बच्चों के लिए यह राष्ट्र कैसे जन्मा।
मुनीर ने कहा, “हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर संभव पहलू में हिंदुओं से अलग हैं।” “हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं, हमारी परंपराएं अलग हैं, हमारे विचार अलग हैं, हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यहीं से द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई। हम दो राष्ट्र हैं, हम एक राष्ट्र नहीं हैं।”
सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान की पिछली पीढ़ियों ने देश के निर्माण के लिए लगातार संघर्ष किया है।
उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों ने बहुत त्याग किया है, और हमने इस देश के निर्माण के लिए बहुत त्याग किया है, और हम जानते हैं कि इसकी रक्षा कैसे करनी है।” उन्होंने पाकिस्तान की नींव के पीछे निहित स्थायी लचीलेपन और दृढ़ संकल्प को रेखांकित किया।
उन्होंने युवा पीढ़ी से अपनी जड़ों से जुड़े रहने का आग्रह करते हुए कहा: “मेरे प्यारे भाइयों और बहनों और बेटे और बेटियों, कृपया पाकिस्तान की कहानी मत भूलना और अपनी अगली पीढ़ी को पाकिस्तान की कहानी सुनाना मत भूलना, ताकि पाकिस्तान के साथ उनका रिश्ता कभी कमज़ोर न पड़े। चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, या चौथी पीढ़ी हो, या पाँचवीं पीढ़ी हो, वे जानते हैं कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।”
स्थानीय मीडिया के हवाले से खबर है कि बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की कसम खाई और कहा कि “आतंकवादियों की दस पीढ़ियां भी बलूचिस्तान और पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं।”
जनरल मुनीर ने आतंकवाद से लड़ने में सेना के अडिग संकल्प पर जोर दिया और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों की अटूट वफादारी की भी सराहना की।
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, “हम इन आतंकवादियों को बहुत जल्द ही धूल चटा देंगे… आपको लगता है कि बीएलए, बीएलएफ और बीआरए आदि से जुड़े ये 1500 आतंकवादी हमसे बलूचिस्तान छीन सकते हैं…” “क्या पाकिस्तान के दुश्मन सोचते हैं कि मुट्ठी भर आतंकवादी पाकिस्तान का भाग्य तय कर सकते हैं?… आतंकवादियों की दस पीढ़ियाँ भी बलूचिस्तान और पाकिस्तान को नुकसान नहीं पहुँचा सकतीं।”