
हिंदू धर्म में रंगों का विशेष महत्व है। हर दिन कोई शुभ रंग किसी न किसी देवता को प्रिय होता है। इन रंगों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर भी पड़ता है।उसी प्रकार माथे पर तिलक लगाना भी बहुत शुभ माना गया है। किसी भी पूजा-पाठ की शुरुआत भगवान का तिलक और उसके बाद खुद का तिलक करने से ही होती है। इतना ही नहीं, किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भी तिलक से ही होती है। मान्यता है कि तिलक के बिना पूजा संपन्न नहीं होती।
ज्योतिषी रजत सिंगल (Rajat Singal) अनुसार किस अंगुली से लगाते हैं तिलक
परम्परागत रूप से मस्तक पर तिलक लगाने के लिए अनामिका अंगुली का प्रयोग किया जाता है। हथेली पर अनामिका के नीचे के क्षेत्र को सूर्य क्षेत्र या सूर्य पर्वत कहा जाता है। सामान्यतः स्वयं को तिलक लगाते समय अनामिका का और किसी दूसरे को तिलक लगाते समय अंगूठे का प्रयोग किया जाता है।
तिलक का अर्थ है किसी भी शुभ कार्य से पूर्व मस्तक पर लगाया जाने वाला चिन्ह। पहले तिलक शरीर पर लगता है और बाद में यह अन्तःकरण या मन पर लग जाता है। प्राचीन काल में लगभग सभी स्त्री-पुरुष कुंकुम या चन्दन का तिलक या बिंदी लगाते थे, क्योंकि वे इसके महत्व को जानते थे।
ज्योतिषी रजत सिंगल (Rajat Singal) अनुसार तिलक करने के फायदे
धार्मिक आध्यात्मिक महत्व: तिलक भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिकता का प्रतीक है। धार्मिक अनुष्ठानों या पूजा में तिलक लगाना मान्यता के अनुसार प्रसाद विधि का एक भाग है जो ईश्वर का प्रतीक होता है।
आयुर्वेदिक लाभ: आयुर्वेद में तिलक लगाने की मान्यता है क्योंकि इसका उपयोग से त्वचा के लिए फायदेमंद होता हैं। तिलक भस्म या तिलक का चूर्ण सिर में लगाने से सिरदर्द में आराम मिल सकता है और सिर के दर्द को कम किया जा सकता है।
ताक़त देना: धार्मिक दृष्टिकोन से देखें तो तिलक को माथे पर लगाने से शक्ति और सामर्थ्य मिलता है। यह व्यक्ति को सामाजिक दृष्टिकोण से भी आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है।
संकेत और पहचान: तिलक व्यक्ति के धार्मिक अनुष्ठान, संप्रदाय और समुदाय की पहचान के रूप में काम आता है। यह एक प्रकार का संकेत चिन्ह होता है जो व्यक्ति की विशेषता को दर्शाता है।
ज्योतिषी रजत सिंगल (Rajat Singal) अनुसार किस तिलक से क्या लाभ होता है ?
सफेद चन्दन का तिलक लगाने से एकाग्रता बढ़ती है।
रोली और कुमकुम का तिलक लगाने से व्यक्ति का आकर्षण बढ़ता है और आलस्य दूर होता है।
केसर का तिलक लगाने से यश में बढोतरी होती है और व्यक्ति के कार्यों में प्रगति होती है।
गोरोचन का अष्टगंध के तिलक से विद्या और बुद्धि में बढ़ोतरी होती है। अष्टगंध के तिलक में कई तरह की सुगन्धित वस्तुएं मिली होती हैं।तिलक लगाने से शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है।
भस्म व राख के तिलक से दुर्घटनाओं और मुकदमेबाजी से रक्षा होती है। भस्म या राख का तिलक भगवान शिव की पूजा करके लगाना चाहिए।
आकर्षण क्षमता में सुधार करने के लिए एक तांबे के पात्र में थोड़ी-सी रोली लेकर उसमें थोड़ा-सा गुलाब जल मिलाकर घोल लें।
विजय, सफलता और शक्ति की प्राप्ति के लिए लाल चन्दन घिस लें और इसे एक चाँदी अथवा शीशे के पात्र में रख लें।
ज्योतिषी रजत सिंगल (Rajat Singal) अनुसार ग्रहों को मजबूत करने के लिए लगाए ये तिलक
सूर्य- सिंह राशि के जातक लाल चन्दन का तिलक माथे पर अनामिका उंगली से लगाना चाहिए, ऐसा करने से आपकी राशि स्वामी सूर्य देव प्रबल होंगे
चंद्रमा- कर्क राशि के जातक चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए सफेद चन्दन का तिलक कनिष्ठा उंगली से लगाएं।
मंगल- अगर आपकी राशि मेष और वृश्चिक है तो नारंगी सिन्दूर का तिलक अनामिका उंगली से लगाना चाहिए। इससे मंगल ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होगा। और मंगल ग्रह को मजबूती मिलेगी।
बुध- मिथुन या कन्या राशि के जातकों को बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए अष्टगंध का तिलक लगाना चाहिए।
गुरु- धनु या मीन के जातक बृहस्पति ग्रह को प्रबल करने के लिए केसर का तिलक तर्जनी उंगली से लगाएं।
शुक्र- अगर आपकी राशि वृषभ या तुला है तो रोली और अक्षत का तिलक अनामिका उंगली से लगाएं। इससे शुक्र ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
शनि- मकर या कुंभ राशि के जातक भस्म या काले काजल का तिलक लगाएं।
राहु- केतु- इस ग्रहों को मजबूत करने के लिए गाय के कंडे या धूपबत्ती की राख का तिलक लगाना चाहिए।