
Gaza Airstrike kills Al Jazeera Journalist Anas Al Sharif – Press Freedom Concerns
अल जज़ीरा रिपोर्टर अनस अल शरीफ़ Israeli Airstrike में शहीद
गाज़ा में इजरायली हवाई हमला: अल जज़ीरा पत्रकार अनस अल शरीफ की मौत, हमास कनेक्शन का दावा – अल जज़ीरा का इनकार
गाज़ा सिटी में इजरायली हवाई हमले में अल जज़ीरा के पत्रकार अनस अल शरीफ की मौत, सेना ने उन्हें हमास कमांडर बताया, जबकि अल जज़ीरा ने इस दावे को खारिज किया। हमले में अन्य पत्रकार भी मारे गए, जिससे प्रेस फ़्रीडम और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे हैं। गाज़ा युद्ध का 22वां महीना जारी है, भूखमरी और हिंसा बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने इजरायल से जवाबदेही और पत्रकारों की सुरक्षा की मांग की है।
गाज़ा सिटी (Shah Times) – इजरायली सेना ने सोमवार को गाज़ा शहर (Gaza City) में एक एयरस्ट्राइक में अल जज़ीरा के पत्रकार अनस अल शरीफ (Anas Al Sharif) को मार गिराया। इजरायली सेना (Israeli Army) का दावा है कि शरीफ हमास (Hamas) के एक बड़े कमांडर थे, जो इजरायली नागरिकों और सैनिकों पर रॉकेट हमलों की योजना बनाते थे।
लेकिन अल जज़ीरा (Al Jazeera) और फलस्तीनी पत्रकार संगठनों ने इस दावे को “बेबुनियाद और झूठा” करार दिया है। अल जज़ीरा का कहना है कि यह हमला “पत्रकारों की आवाज़ दबाने की साज़िश” है।
हमले की घटना
प्रत्यक्षदर्शियों और अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अनस अल शरीफ अपने चार साथी पत्रकारों—मोहम्मद करीका, इब्राहिम जाहेर, और मोहम्मद नौफल—के साथ गाज़ा शहर के पूर्वी हिस्से में शिफा अस्पताल (Shifa Hospital) के पास एक टेंट में मौजूद थे, जब यह हमला हुआ।
हमले में दो अन्य लोग भी मारे गए। गाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अनस ने अपनी मौत से महज़ कुछ मिनट पहले ही X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया था कि इजरायली सेना दो घंटे से लगातार बमबारी कर रही है।
आज का शाह टाइम्स ई-पेपर डाउनलोड करें और पढ़ें
पत्रकारों की सुरक्षा पर बवाल
इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने नाराज़गी जताई। कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) और रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) ने कहा कि बिना ठोस सबूत के पत्रकारों को आतंकी बताकर निशाना बनाना, प्रेस फ़्रीडम (Press Freedom) पर सीधा हमला है।
CPJ के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से अब तक गाज़ा में 237 से ज़्यादा पत्रकार मारे जा चुके हैं—जो हाल के दशकों का सबसे घातक संघर्ष है।
हमास और इजरायल के बयान
हमास ने अनस अल शरीफ की हत्या को “गाज़ा में बड़े हमले की शुरुआत” बताया, जबकि इजरायल का कहना है कि वह हमास के ठिकानों को खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान दिया—
“हम गाज़ा में हमास के गढ़ों को तबाह करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।”
गाज़ा में हालात
गाज़ा युद्ध अब 22वें महीने में प्रवेश कर चुका है। इलाके में भूखमरी, बिजली की कमी और मेडिकल सप्लाई की भारी किल्लत है। अल जज़ीरा का कहना है कि अनस और उनके साथी वहां की आखिरी आवाज़ों में से थे, जो ज़मीनी हकीकत दुनिया को दिखा रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
United Nations की विशेष प्रतिनिधि इरेन खान ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अनस को जान का खतरा है।
CPJ और RSF ने इजरायल से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
100+ प्रसिद्ध पत्रकारों और 120+ मीडिया संस्थानों ने एक संयुक्त याचिका पर हस्ताक्षर कर गाज़ा में विदेशी मीडिया की स्वतंत्र पहुंच और स्थानीय पत्रकारों की सुरक्षा की मांग की।
स्थानीय पत्रकारों की दुश्वारी
गाज़ा में पत्रकार बेहद कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं—
भोजन, दवा और सुरक्षा के साधनों की भारी कमी।
लगातार बमबारी के बीच रिपोर्टिंग।
अस्पतालों, कैंपों और पब्लिक प्लेसेज़ पर हमलों का ख़तरा।
नतीजा
अनस अल शरीफ़ का कत्ल सिर्फ़ एक शख़्स की मौत नहीं, बल्कि Gaza में सच दिखाने वाली आखिरी आवाज़ों में से एक का खामोश हो जाना है। यह वाक़िया दुनिया भर में सहाफ़ियों की सुरक्षा, Press Freedom और जंग में मीडिया के किरदार पर नए सिरे से बहस छेड़ रहा है।