मुजफ्फरनगर में भाकियू की किसान मजदूर महापंचायत में नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों को सस्ता कर्ज नहीं, फसल के दाम की गारंटी चाहिए। राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन तेज होगा।
~Nadeem Siddiqui
भाकियू महापंचायत में सरकार को दी चेतावनी, कहा- अब अधिकार मांगेंगे नहीं, छीनेंगे
मुजफ्फरनगर,(Shah Times) | भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की महापंचायत में सरकार पर जमकर हमला
मुजफ्फरनगर में आयोजित भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की किसान मजदूर महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि “किसानों को कर्ज नहीं, अपनी फसलों के सही दाम चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को सस्ते कर्ज का लालच देकर उनकी जमीनें पूंजीपतियों के हाथों सौंपने की साजिश कर रही है।
भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने भी मंच से किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि “यदि किसान एकजुट नहीं हुए, तो सरकारें उन्हें खत्म कर देंगी।” उन्होंने कहा कि किसानों को अपना अधिकार आंदोलन के जरिए ही मिल सकता है।
महापंचायत में उमड़ा किसानों का जनसैलाब
नई मंडी क्षेत्र के कूकड़ा मंडी स्थल पर आयोजित इस महापंचायत में सुबह से ही किसानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड समेत कई राज्यों से किसान पहुंचे थे। ट्रैक्टरों और वाहनों की भारी संख्या के कारण शहर की यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई।
महापंचायत की तैयारियों की निगरानी राकेश टिकैत रात से ही कर रहे थे। सभा स्थल पर किसानों के लिए भंडारे और पारंपरिक रागनी गायन की भी व्यवस्था की गई थी। दोपहर बाद जब भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत पहुंचे, तो किसानों में जोश दोगुना हो गया।
किसानों की मांगें और सरकार पर आरोप
सभा को संबोधित करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मुख्य समस्या कर्ज नहीं, बल्कि फसल के उचित दामों की गारंटी है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल कागजी वादे कर रही है और किसानों को धोखा दे रही है।
राकेश टिकैत ने सरकार को दी चेतावनी:
“अगर सरकार ने किसानों की समस्याओं का हल नहीं निकाला, तो आंदोलन को और बड़ा कर दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि यदि किसान आज नहीं जागे, तो आने वाले समय में खेती पर भी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा।
गन्ना भुगतान, एमएसपी और अन्य मुद्दों पर भाकियू का एलान
महापंचायत में गन्ना मूल्य घोषित करने, बकाया भुगतान, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून लागू करने, मुफ्त बिजली, एनजीटी कानून में संशोधन और सम्पूर्ण कर्ज माफी जैसी कई मांगें उठाई गईं।
महापंचायत में ये प्रस्ताव पास हुए:
गन्ना मूल्य जल्द घोषित किया जाए और बकाया भुगतान किया जाए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी दी जाए।
खेती को GST से मुक्त किया जाए।
विद्युत निजीकरण और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों की नीति का विरोध।
भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन किया जाए।
भाकियू ने भरी हुंकार: अब अधिकार मांगेंगे नहीं, छीनेंगे
सभा के दौरान भाकियू नेताओं ने कहा कि अब किसान केवल मांग नहीं करेंगे, बल्कि अपना अधिकार छीनेंगे। नरेश टिकैत ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो किसान दिल्ली और लखनऊ की ओर कूच करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
इस महापंचायत में भाकियू के वरिष्ठ नेता राजपाल शर्मा, योगेश शर्मा, ओमपाल सिंह मलिक, नीरज पहलवान, पवन खटाना, नवीन राठी, विजय शास्त्री, विकास शर्मा, अशोक घटायन, प्रमोद अहलावत और कपिल सोम समेत कई किसान नेता मौजूद रहे।
भाकियू की यह महापंचायत किसानों के संघर्ष की नई दिशा तय कर सकती है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए भाकियू ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज होने की संभावना है।
क्या सरकार किसानों की मांगें मानेगी, या एक और बड़ा आंदोलन देखने को मिलेगा? यह आने वाला समय बताएगा।