
Axiom-4 mission launch with Indian astronaut Shubhanshu Shukla-Shah Times
Axiom-4 मिशन: शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष उड़ान से भारत को नया गर्व
शुभांशु शुक्ला: 41 साल बाद भारत का नया अंतरिक्ष नायक
Axiom-4 Launch : भारत के शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष की ओर ऐतिहासिक उड़ान भरी। जानिए मिशन की पूरी जानकारी और देश का गर्व कैसे बना यह क्षण
नई दिल्ली,(Shah Times) ।
कैनेडी स्पेस सेंटर से जैसे ही फाल्कन 9 रॉकेट ने AXIOM-4 मिशन के साथ उड़ान भरी, पूरा भारत गौरव से भर गया। इस मिशन में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक प्रमुख किरदार निभा रहे हैं। वे 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने, इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में यह कीर्तिमान रचा था।
🇮🇳 शुभांशु शुक्ला: भारतीय अंतरिक्ष गौरव का नया अध्याय
Axiom-4 मिशन के जरिए शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में कदम रखकर इतिहास रच दिया। रॉकेट ने भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे उड़ान भरी और उड़ान के शुरुआती क्षणों में ही शुक्ला ने अंतरिक्ष से पहला संदेश दिया:
“मेरे कंधे पर मेरा तिरंगा है… मैं अकेला नहीं हूं, आप सबके साथ हूं।”
यह संदेश भारतवासियों के दिलों को छू गया। उनकी आवाज़ में आत्मविश्वास, कर्तव्यबोध और देशभक्ति स्पष्ट सुनाई दी।
🛰️ Axiom-4 मिशन: निजी क्षेत्र की नई ऊँचाइयाँ
AX-4, Axiom Space द्वारा संचालित चौथा निजी मिशन है, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर प्रस्थान कर चुका है। इस मिशन में 31 देशों की वैज्ञानिक साझेदारी है, जिसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी और अन्य शामिल हैं।
👩🚀 मिशन की टीम
पैगी व्हिटसन (कमांडर) – पूर्व NASA एस्ट्रोनॉट
शुभांशु शुक्ला (पायलट) – भारतीय वायुसेना
स्लावोश उजनांस्की (पोलैंड) – मिशन स्पेशलिस्ट
टिबोर कपु (हंगरी) – मिशन स्पेशलिस्ट
🔬 वैज्ञानिक उद्देश्य
Axiom-4 के अंतरिक्ष यात्री ISS पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे जिनमें मानव शरीर की कोशिकाओं पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का असर, नई दवाओं की प्रतिक्रियाएं और अंतरिक्ष ऊर्जा प्रणालियों पर अनुसंधान शामिल है।
👨👩👧👦 भावनाओं का तूफान: परिवार की प्रतिक्रिया
शुभांशु शुक्ला की बहन निधि मिश्रा ने कहा:
“ये पल सिर्फ मेरे लिए नहीं, भारत के हर नागरिक के लिए गर्व का है। भाई कहता है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।”
उनकी माता-पिता की आंखें नम थीं, लेकिन चेहरे पर गर्व था। अगले 28 घंटे में Axiom-4 का ड्रैगन कैप्सूल ISS पर डॉक करेगा।
🌏 भारत की भूमिका: निजी क्षेत्र में अंतरिक्ष की नई उड़ान
ISRO के अलावा अब भारत के युवा, वायुसेना और निजी क्षेत्र के सहयोग से अंतरिक्ष उड़ानें संभव हो रही हैं। शुभांशु का मिशन इस नई शुरुआत का प्रतीक है।
📡 ‘मेरे कंधे पर तिरंगा’: 🇮🇳 एक प्रतीकात्मक संदेश
जब शुभांशु ने कहा, “मेरे कंधे पर तिरंगा है”, तब वह सिर्फ एक वैज्ञानिक मिशन नहीं था, वह एक भावनात्मक संवाद था भारत और उसके नागरिकों से। यह दर्शाता है कि विज्ञान, राष्ट्रप्रेम और मानवता एक साथ कैसे आगे बढ़ सकते हैं।
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