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Forex Trading Fraud_ A Deception of Investors' Dreams
“ED ने 3 राज्यों में QFX कंपनी पर छापेमारी, 30 बैंक खाते फ्रीज: फॉरेक्स ट्रेडिंग घोटाले में 170 करोड़ की संपत्ति जब्त, 90 लाख नकद बरामद”
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने QFX ट्रेडिंग लिमिटेड पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 बैंक खाते फ्रीज कर 170 करोड़ की संपत्ति जब्त की। फॉरेक्स ट्रेडिंग की आड़ में चल रही इस एमएलएम स्कीम से जुड़े 25 एजेंट जांच के घेरे में हैं। पढ़ें पूरी खबर!
ईडी की छापेमारी और बड़ा खुलासा
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हालिया कार्रवाई ने एक बार फिर देश में चल रही फर्जी निवेश योजनाओं की पोल खोल दी है। विदेशी मुद्रा व्यापार (फॉरेक्स ट्रेडिंग) के नाम पर QFX ट्रेडिंग लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनियां आम जनता को झूठे वादों में फंसाकर करोड़ों की ठगी कर रही थीं। दिल्ली, नोएडा, रोहतक और शामली में हुई छापेमारी में ईडी ने 30 से अधिक बैंक खातों को फ्रीज कर 170 करोड़ की संपत्ति जब्त की है, साथ ही 90 लाख रुपए की नकदी भी बरामद हुई।
डबल रिटर्न का झांसा और निवेशकों की लूट क्यूएफएक्स ग्रुप और इसके संचालक लविश चौधरी उर्फ नवाब अली एक संगठित मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) स्कीम चला रहे थे। यह स्कीम निवेशकों को अधिक मुनाफे का लालच देकर फंसाती थी। विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर चल रही यह योजना वास्तविक ट्रेडिंग से अधिक सिर्फ एक पोंजी स्कीम थी, जहां नए निवेशकों के पैसों से पुराने निवेशकों को भुगतान किया जाता था।
हिमाचल से यूपी तक फैला जाल हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इस मामले में पहले ही एफआईआर दर्ज कर रखी थी। लेकिन इसके बाद भी लविश चौधरी और उसके सहयोगियों ने क्यूएफएक्स का नाम बदलकर वाईएफएक्स (यॉर्कर एफएक्स) रख दिया और नए निवेशकों को ठगते रहे। ईडी की जांच में सामने आया कि क्यूएफएक्स/वाईएफएक्स योजना को आगे बढ़ाने के लिए बॉट-ब्रो, टीएलसी, टाइगर डिजिटल प्रा. लि., एन-पे बॉक्स प्राइवेट लिमिटेड, कैप्टर मनी सॉल्यूशंस प्रा. लि. जैसी कंपनियों का उपयोग किया गया।
दुबई में लग्जरी इवेंट और सेलिब्रिटीज के जरिए ठगी इस स्कीम को विश्वसनीय बनाने के लिए कंपनी ने भारत और दुबई में भव्य आयोजन किए, जहां बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज को आमंत्रित किया गया। इन आयोजनों में निवेशकों को महंगे होटलों और शानदार इवेंट्स में शामिल कर उन्हें यह यकीन दिलाया जाता था कि उनकी पूंजी सुरक्षित और लाभदायक है।
ईडी के निशाने पर 25 प्रमुख एजेंट शामली के नवाब अली पर कार्रवाई के बाद अब पश्चिमी यूपी के 25 अन्य एजेंटों की संपत्तियों की जांच हो रही है। मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, सहारनपुर और अन्य जिलों में इन एजेंटों ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है। बताया जा रहा है कि लविश चौधरी दुबई भाग चुका है और वहां से अपने नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है। ईडी अब इन एजेंटों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
बार-बार नाम बदलने की रणनीति जब भी किसी कंपनी पर जांच शुरू होती थी, लविश चौधरी और उसके सहयोगी उसका नाम बदलकर नया ब्रांड लॉन्च कर देते थे। इसके चलते निवेशक एक बार फिर नए नाम के झांसे में आकर अपने पैसे गंवा देते थे। अब तक क्यूएफएक्स, वाईएफएक्स, बॉट-ब्रो और कई अन्य नामों से ठगी की जा चुकी है।
कानूनी शिकंजे में आएंगे मास्टरमाइंड?
अब सवाल यह उठता है कि क्या लविश चौधरी और उसके साथियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य धोखाधड़ी के मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? निवेशकों की मेहनत की कमाई को इस तरह लूटने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी ठगी से बचा जा सके।
“प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने QFX ट्रेडिंग लिमिटेड के दिल्ली, नोएडा, रोहतक और शामली कार्यालयों पर छापेमारी कर 30 बैंक खाते फ्रीज किए। फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर चल रहे एमएलएम घोटाले में 170 करोड़ की संपत्ति जब्त और 90 लाख नकदी बरामद। मास्टरमाइंड नवाब अली उर्फ लविश चौधरी समेत कई आरोपियों पर जांच जारी।”
ED ने 3 राज्यों में QFX कंपनी पर छापेमारी, 30 बैंक खाते फ्रीज: फॉरेक्स ट्रेडिंग घोटाले में 170 करोड़ की संपत्ति जब्त, 90 लाख नकद बरामद
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर चल रहे एक बड़े मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) घोटाले का पर्दाफाश करते हुए तीन राज्यों में QFX ट्रेडिंग लिमिटेड कंपनी के कार्यालयों पर छापेमारी की। दो दिन तक चले इस ऑपरेशन के दौरान ED ने 30 से अधिक बैंक खाते फ्रीज किए और 170 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। साथ ही, कंपनी के निदेशकों और एजेंटों के ठिकानों से 90 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की गई।
छापेमारी और जांच के नतीजे
ED के चंडीगढ़ जोनल कार्यालय की टीम ने दिल्ली, नोएडा, रोहतक और शामली (उत्तर प्रदेश) में QFX ट्रेडिंग लिमिटेड के कार्यालयों पर छापेमारी की। जांच में पता चला कि कंपनी फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर एक बड़े पैमाने पर एमएलएम स्कीम चला रही थी। कंपनी के निदेशक अपनी आय के स्रोतों का सही ब्योरा नहीं दे पाए, जिसके बाद ED ने कार्रवाई की।
जांच में यह भी पता चला कि QFX के एजेंट निवेशकों को फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर ऊंचे रिटर्न का लालच देकर ठगते थे। कंपनी ने वेबसाइट, ऐप और सोशल मीडिया विज्ञापनों के जरिए अपनी योजनाओं को प्रमोट किया। हालांकि, यह पूरा ऑपरेशन एक धोखाधड़ी थी, जिसमें असल में कोई फॉरेक्स ट्रेडिंग नहीं हो रही थी।
मुख्य आरोपी और उनकी करतूत
इस घोटाले के मास्टरमाइंड नवाब अली उर्फ लविश चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने QFX, यॉर्कर एफएक्स, बॉट-ब्रो और TLC जैसी कई फर्जी निवेश कंपनियों के जरिए यह स्कीम चलाई। चौधरी ने राजेंद्र सूद और विनोद कुमार जैसे निदेशकों के साथ मिलकर निवेशकों से पैसे इकट्ठा किए।
कंपनी ने भारत और दुबई में आयोजन करके ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आकर्षित किया। अपनी योजनाओं का नाम बार-बार बदलने के बावजूद आरोपियों ने लोगों को ठगना जारी रखा। उदाहरण के लिए, हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा QFX के खिलाफ FIR दर्ज करने के बाद कंपनी ने अपनी योजना का नाम बदलकर यॉर्कर एफएक्स कर लिया, लेकिन उसकी धोखाधड़ी जारी रही।
हिमाचल पुलिस और ED की भूमिका
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने QFX के खिलाफ पहले ही FIR दर्ज कर दी थी, जिसके बाद ED ने जांच शुरू की। ED की जांच में पता चला कि कंपनी ने N-पे बॉक्स प्राइवेट लिमिटेड, कैप्टर मनी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और टाइगर डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड जैसी कई शेल कंपनियों के बैंक खातों का इस्तेमाल निवेशकों से पैसे इकट्ठा करने के लिए किया।
ED ने उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत और मेरठ जिलों में 25 प्रमुख एजेंटों की भी पहचान की, जिन्होंने निवेशकों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। इन एजेंटों ने करोड़ों रुपये कमाए हैं और अब ED की नजर में हैं। एजेंसी इनकी संपत्ति की जांच कर रही है और जल्द ही और कार्रवाई की जा सकती है।
घोटाले के बाद की स्थिति
घोटाले का मास्टरमाइंड नवाब अली उर्फ लविश चौधरी घोटाला उजागर होने के बाद दुबई भाग गया। हालांकि, उसके एजेंट भारत में सक्रिय हैं। ED द्वारा इन एजेंटों के घरों पर की गई छापेमारी में लग्जरी कारें और अन्य कीमती संपत्तियां बरामद हुईं, जो इस घोटाले के पैमाने को दर्शाती हैं।
QFX घोटाला उन निवेशकों के लिए एक चेतावनी है जो ऊंचे रिटर्न के वादे वाली अनियमित योजनाओं में पैसा लगाते हैं। निवेशकों से अपील की गई है कि वे ऐसी योजनाओं में निवेश करने से पहले उनकी वैधता की पुष्टि कर लें।
ED द्वारा QFX ट्रेडिंग लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों पर की गई कार्रवाई भारत में वित्तीय धोखाधड़ी रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 170 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने और कई बैंक खाते फ्रीज करने के साथ ही एजेंसी ने घोटालेबाजों को करारा झटका दिया है। हालांकि, जांच अभी जारी है और ED इस धोखाधड़ी के पूरे नेटवर्क का पता लगाने में लगी हुई है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और संपत्ति जब्त होने की संभावना है।
सतर्क रहें, सुरक्षित निवेश करें
यह मामला निवेशकों के लिए एक बड़ा सबक है। किसी भी निवेश योजना में शामिल होने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करना आवश्यक है। अगर कोई योजना असामान्य रूप से अधिक रिटर्न का वादा कर रही है, तो उसमें खतरा जरूर छिपा हो सकता है। ईडी और अन्य एजेंसियों को इस तरह की धोखाधड़ी रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि आम जनता की गाढ़ी कमाई सुरक्षित रह सके।
Forex Trading Fraud: A Deception of Investors’ Dreams