
Bengaluru stampede
बेंगलुरु (Shah Times): कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार गुरुवार को उस समय रो पड़े जब उन्होंने (Bengaluru stampede) बेंगलुरु में हुई दुखद भगदड़ के बाद पहली बार मीडिया को संबोधित किया जिसमें 11 लोगों की जान चली गई।
ऐसे में एक सवाल है जिसके जबाव की तलाश सबको है। अगर चिन्नास्वामी स्टेडियम की क्षमता अगर 35 हजार है तो किसने तीन लाख लोगों आने की इजाजत दे दी। अगर जनता की जान हाथ में रख कर ऐसे फैसले होते हैं तो यह सीधा-सीधा अपराध की श्रेणी में आता है। इस मामले में आपको बता दें कि अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान हुई घटना के बारे में बात करते हुए शिवकुमार भावुक नजर आए और उन्होंने अपनी भावनाओं को काबू में नहीं रखा। उन्होंने इसे राज्य के लिए दिल तोड़ने वाला क्षण बताया।
शिवकुमार ने कहा, “हमें प्रशासनिक सबक सीखना चाहिए, विपक्ष को लाशों पर राजनीति करने देना चाहिए। मैं बताऊँगा कि उन्होंने कितनी लाशों पर राजनीति की है। लेकिन छोटे बच्चों को देखकर दुख होता है। मैंने उनका दर्द देखा है।”
शिवकुमार की यह प्रतिक्रिया उनके द्वारा माफ़ी मांगे जाने के एक दिन बाद आई है। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए था और हमें इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी…स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, लेकिन वहां 3 लाख से ज़्यादा लोग थे…(स्टेडियम के) गेट तोड़ दिए गए…हम इस घटना के लिए माफ़ी मांगते हैं…हम तथ्य जानना चाहते हैं और एक स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं।”
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर इस घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। “भाजपा राजनीति कर रही है…हमें इस घटना के लिए बहुत खेद है। हम भविष्य में बेहतर समाधान निकालेंगे।”
यह भगदड़ प्रतिष्ठित एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई, जब हजारों प्रशंसक आरसीबी की आईपीएल जीत के जश्न से पहले अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को देखने के लिए एकत्र हुए थे।
कर्नाटक सरकार ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को ₹10 लाख का मुआवज़ा देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि सरकार घायलों को मुफ़्त इलाज भी मुहैया कराएगी।