
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की बैठक में रखा सुझाव, कहा – किसान को उसकी पूरी लागत के साथ उचित लाभ मिले
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की बैठक में खरीफ फसलों की मूल्य निर्धारण प्रक्रिया पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए। संगठन ने किसानों को लागत पर 100% जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने की मांग उठाई। पढ़ें पूरी खबर!
खरीफ फसलों की मूल्य निर्धारण प्रक्रिया पर बैठक, भाकियू अराजनैतिक ने रखा सुझाव
नई दिल्ली, (Shah Times) । कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा खरीफ फसलों के मूल्य निर्धारण प्रक्रिया को लेकर अंबेडकर भवन, जनपथ रोड, नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी, एवं प्रदेश अध्यक्ष (हरियाणा) सेवा सिंह आर्य सहित कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक में किसानों के समर्थन मूल्य को लेकर असंतोष व्यक्त किया गया। भाकियू अराजनैतिक के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा, “किसानों को उनकी उपज का उचित एवं लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार की नीतियाँ एग्रो इंडस्ट्री को फायदा पहुंचाने के लिए हैं, जबकि किसानों को उनकी फसल की सही कीमत तक नहीं मिलती। स्वामीनाथन आयोग की 2005 की सिफारिशें अब अप्रासंगिक हो चुकी हैं। किसानों को उनकी लागत में 100% जोड़कर समर्थन मूल्य दिया जाना चाहिए, तभी कृषि संकट का समाधान संभव होगा।”
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कहा, “एक किलो बीज से किसान 50 किलो उत्पादन करता है, फिर भी घाटे में रहता है, जबकि प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एक किलो से 900 ग्राम उत्पाद बनाकर भी लाभ में रहती है। किसानों के घाटे का कारण क्या है, यह सरकार को गंभीरता से समझने की जरूरत है।”




भाकियू अराजनैतिक के मुख्य सुझाव
बैठक में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा अध्यक्ष विजय पॉल शर्मा को निम्नलिखित सुझाव सौंपे गए:
फसल मूल्य निर्धारण – सी2 लागत के बजाय बाजार दर पर आधारित किराया, श्रम एवं अन्य खर्चों को जोड़कर समर्थन मूल्य तय किया जाए।
किसान श्रम का मूल्यांकन – किसान एवं उसके परिवार की मेहनत का आकलन सरकारी कर्मचारी की न्यूनतम वेतनमान के आधार पर हो।
परिवहन एवं पैकेजिंग लागत – MSP तय करते समय फसलों की पैकेजिंग और परिवहन खर्च को जोड़ा जाए।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव – मूल्य निर्धारण में बदलते मौसम एवं जलवायु संबंधी कारकों को शामिल किया जाए।
MSP को कानूनी मान्यता – न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानून द्वारा लागू किया जाए एवं बाजार में गिरावट की स्थिति में सरकार मुआवजा दे।
फल-सब्जियों को MSP में शामिल करें – फसलों के साथ फल, सब्जियाँ और हल्दी जैसी कृषि उपज को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाए।
महंगाई दर का प्रभाव – मूल्य निर्धारण में देश की मौजूदा महंगाई दर को भी ध्यान में रखा जाए।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने सरकार से अपील की है कि MSP नीति को पारदर्शी एवं न्यायसंगत बनाया जाए, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिल सके। आयोग द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर विचार किया जाएगा और आगामी नीतियों में इन्हें शामिल करने की संभावना है।