
Bharatiya Kisan Union Tomar staged a strong sit-in protest at Babri power substation, surrounded the administration on farmers' issues @Shah Times
भारतीय किसान यूनियन तोमर का बाबरी विद्युत उपकेंद्र पर धरना प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन तोमर ने किसानों की मांगों को लेकर बिजली विभाग पर गंभीर आरोप
भारतीय किसान यूनियन तोमर ने शामली के बाबरी विद्युत उपकेंद्र पर किसानों की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया। 5 घंटे की विद्युत आपूर्ति, बिल गड़बड़ी और कर्मचारी अभद्रता जैसे मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई की मांग उठाई गई।
शामली/बाबरी,(Shah Times) । भारतीय किसान यूनियन (तोमर) ने एक बार फिर किसानों की समस्याओं को लेकर आवाज़ बुलंद की है। इस बार मंच बना शामली जिले का बाबरी विद्युत उपकेंद्र, जहां यूनियन के युवा जिला अध्यक्ष जीशान चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने ज़मीन पर बैठकर धरना-प्रदर्शन किया।
धरना शांतिपूर्ण होते हुए भी किसान नेताओं की वाणी में आक्रोश झलकता रहा। उन्होंने प्रशासन को खुली चेतावनी दी कि यदि किसानों के साथ अन्याय और शोषण बंद नहीं हुआ, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
🔌 बिजली आपूर्ति सिर्फ 5 घंटे – कैसे सींचें खेत?
धरना स्थल पर वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि वर्तमान में नलकूपों को सिर्फ 5 घंटे बिजली मिल रही है, जिससे किसानों को फसल की सिंचाई में भारी परेशानी हो रही है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 15-18 घंटे तक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है, तो शामली जिले में किसानों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों?
उन्होंने मांग की कि कम से कम 15 घंटे की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि किसान खेती के मूलभूत कार्य बिना अवरोध कर सकें।
🧾 5000 रुपये बकाया पर कनेक्शन काटना अमानवीय
धरने के दौरान यह भी कहा गया कि विद्युत विभाग महज ₹5000 का बकाया चलने पर किसानों के बिजली कनेक्शन काट देता है, जो पूरी तरह से अनुचित है।
जीशान चौधरी ने कहा,
“किसान मौसम, मंडी और महंगाई से पहले ही परेशान है। ऐसे में मामूली बकाया पर बिजली काटना, उनके साथ अन्याय है।”
🧾 बिलों में गड़बड़ी और समाधान की मांग
धरने में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे जिनके हाथों में अपने गलत बिजली बिलों की प्रतियां थीं। उन्होंने कहा कि बिलों में भारी गड़बड़ियां हैं और उन्हें तत्काल बिल सुधार शिविर लगाकर सही किया जाए।
वकील चौहान, प्रदेश महासचिव ने आरोप लगाया कि विद्युत उपकेंद्र के अंतर्गत कई गांवों में मूल्यांकन के बिना बिल भेजे जाते हैं, जो किसानों के लिए आर्थिक बोझ बन चुके हैं।
🗣️ विद्युत कर्मचारियों पर अभद्रता का आरोप
किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारी किसानों से अभद्र भाषा में बात करते हैं, जिससे ग्रामीणों में भय और असंतोष का माहौल बन रहा है। उन्होंने इन कर्मचारियों पर निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की।
👥 प्रशासन से सीधे संवाद: सीडीओ को बीच में बैठाया गया
धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्य विकास अधिकारी (CDO) मौके पर पहुंचे। किसानों ने उन्हें मंच पर अपने बीच बैठाकर सीधे संवाद किया।
एक-एक मुद्दे को किसानों ने सीडीओ के सामने रखा और कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे ज़िला मुख्यालय पर आंदोलन करेंगे।
सीडीओ ने कई मामलों में तुरंत समाधान दिलवाया और अन्य पर समयबद्ध आश्वासन देकर किसानों को धरना समाप्त करने के लिए मनाया।
👨🌾 धरने में शामिल प्रमुख किसान नेता और कार्यकर्ता
धरने में कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
वकील चौहान (प्रदेश महासचिव)
जीशान चौधरी (युवा जिला अध्यक्ष)
बंटी गुर्जर (जिला अध्यक्ष)
युसूफ (जिला उपाध्यक्ष)
सद्दाम शाह (जिला सचिव)
समीर खान (जिला मीडिया प्रभारी)
केपी सिंह फौजी, नौशाद, साजिद अली, सोहेल खान, फाजिल चौहान, अमन वर्मा, हिमांशु गोयल आदि।
इन सभी ने एक स्वर में कहा कि यह धरना शुरुआत है, यदि माँगें पूरी नहीं हुईं तो यूनियन जिला मुख्यालय तक मार्च करेगी।
भारतीय किसान यूनियन (तोमर) के इस धरना प्रदर्शन ने एक बार फिर साबित किया कि किसान आज भी अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। बिजली बिलों में गड़बड़ी, सीमित बिजली आपूर्ति और विभागीय अभद्रता जैसे मुद्दे मूलभूत व्यवस्थाओं की खामियों को उजागर करते हैं।
प्रशासन ने जहां कुछ मांगों का समाधान धरना स्थल पर ही किया, वहीं बाकी मुद्दों पर आश्वासन दिया गया। अब देखना होगा कि किसानों की ये आवाज़ वास्तव में सुनवाई में बदलती है या सिर्फ एक और आश्वासन की गूंज बनकर रह जाती है।
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