
रिपोर्ट: नदीम सिद्दीकी
3 माह में तीन लोगों की मौत के बाद किया नेत्रदान
मुजफ्फरनगर। शहर के गांधी कॉलोनी (gandhi colony) निवासी भाटिया परिवार ने दुख की घड़ी में एक ऐसी अनूठी मिसाल पेश की है जिसका उदाहरण कहीं और सुनने या देखने को नहीं मिलेगा, पिछले लगभग तीन माह में भाटिया परिवार ने अपने तीन सदस्यों को खोया है उन तीनों सदस्यों के नेत्रदान (Eye donation) कर परिवार के सदस्य जाते जाते भी 6 लोगों को इस दुनिया को देखने के लिए नेत्रज्योति दे गए।
दरअसल समर्पित युवा समिति के संस्थापक सदस्य दीपक भाटिया (Deepak Bhatia) जो कि होली एंजेल्स पब्लिक स्कूल (Holy Angels Public School) के अध्यापक हैं और श्री कृष्ण जानकी सरस्वती शिशु मंदिर के सहव्यस्थापक हैं व बचपन से संघ के स्वयंसेवक व अन्य दायित्वों को निभाते आ रहे हैं, उनकी माता का स्वर्गवास रविवार रात्रि हो गया था जिनके नेत्रदान (Eye donation) का निर्णय परिवार के सदस्यों संजय भाटिया, राजेश भाटिया, अंजलि भाटिया, रजनी भाटिया, सोना भाटिया व शिखा भाटिया ने सर्वसम्मति से लेते हुए रात्रि में ही बेगारजपुर मेडिकल कॉलेज (Begarajpur Medical College) के नेत्र विभाग (Eye department) को सूचना दी। बेगारजपुर मेडिकल कॉलेज (Begarajpur Medical College) की टीम ने देर रात्रि आकर नेत्र एकत्रित किए ।
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परिवार को नेत्रदान (Eye donation) के लिए प्रेरित करने वाले दीपक भाटिया के करीबी मित्र संजीव अरोरा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज टीम के अनुसार अधिक आयु के बाद भी दोनों नेत्र स्वस्थ हैं व दोनों नेत्र दो लोगों को नेत्रज्योति देने में सक्षम हैं।
दुःखद संयोग है कि पिछले लगभग 3 माह में भाटिया परिवार ने मरणोपरांत 3 सदस्यों के नेत्रदान करा 6 नेत्रहीन व्यक्तियों की जिंदगी बदलने में मदद की है।
इसी तरह लगभग तीन माह पूर्व दीपक भाटिया की चाची उमा भाटिया भी हृदयाघात के चलते परलोक चली गयीं व लगभग 20 दिन पहले दीपक भाटिया के चचेरे भाई संदीप भाटिया का स्वर्गवास किडनी फेल होने के कारण हुआ उन दोनों का सफल नेत्रदान (Eye donation) भी परिवार द्वारा कराया गया था गाँधी कॉलोनी व नगर में भाटिया परिवार के इस आदर्श उदाहरण की भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है।