नई दिल्ली (शाह टाइम्स) अभी तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अमेरिका के डीप स्टेट पर भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा रही थी, लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ तौर पर कहा है कि बिडेन प्रशासन में भारत में सत्ता परिवर्तन की साजिश रची गई थी। ट्रंप ने कहा कि भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के नाम पर यूएसएआईडी (यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) से 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग के पीछे का मकसद मौजूदा सरकार को सत्ता से हटाना था। ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती जो बिडेन की सरकार को लेकर आशंका जताई है कि पिछली बिडेन सरकार भारत में किसी और को चुनाव जिताने की साजिश कर रही थी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में भारत सरकार से बात करेगी।
21 मिलियन डॉलर देने का खुलासा
भारतीय चुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए यूएसएआईडी से 21 मिलियन डॉलर देने का खुलासा एलन मस्क की अगुआई वाली डीओजीई (डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी) ने किया। अब राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने प्रशासन से इस मामले में मोदी सरकार से बात करने को कहा है। यह सब भारत में 2024 के आम चुनावों के बाद हो रहा है, जिसमें भाजपा सरकार की वापसी हुई, लेकिन उसकी सीटें कम हो गईं। भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई और उसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगियों के साथ सरकार बनानी पड़ी। हालांकि, एग्जिट पोल ने भाजपा की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की थी।
हमें भारत सरकार से बात करनी होगी
ट्रंप ने एफआईआई प्राथमिकता शिखर सम्मेलन में कहा, ‘हमें भारत में मतदान बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की क्या जरूरत है? मुझे लगता है कि वे (जो बिडेन और उनका प्रशासन) किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारत सरकार से बात करनी होगी। यह एक बड़ा खुलासा है।’ यह बयान ट्रंप द्वारा यूएसएआईडी के तहत भारत को दिए गए 21 मिलियन डॉलर पर सवाल उठाने के एक दिन बाद आया है। डॉज ने इस फंड को रद्द करने का फैसला किया है। वह बिडेन प्रशासन के दौरान अमेरिकी मानवीय सहायता में अनियमितताओं की जांच कर रहे हैं।
ट्रंप ने कहा था कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत पैसा है। वे दुनिया में सबसे ज़्यादा कर लगाने वाले देशों में से एक हैं; हम मुश्किल से वहाँ पहुँच सकते हैं क्योंकि उनके टैरिफ़ बहुत ज़्यादा हैं। मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान करता हूँ, लेकिन मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर देना समझ से परे है।’
21 मिलियन डॉलर के लाभार्थी कौन थे
डॉज ने कई अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए आवंटित फंड को रद्द कर दिया है। भारत में मतदान के नाम पर फंडिंग के खुलासे पर भारत में काफ़ी हंगामा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार संजीव सान्याल ने यूएसएआईडी के खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला’ बताया। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि 21 मिलियन डॉलर के लाभार्थी कौन थे।
स्मृति ईरानी की प्रोफ़ाइल में किए गए दावे
दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी की प्रोफ़ाइल में किए गए दावों और उनके एक पुराने सोशल मीडिया पोस्ट को दिखाया। कांग्रेस सांसद प्रियांक खड़गे ने इसका हवाला देते हुए पूछा, क्या स्मृति ईरानी जॉर्ज सोरोस की असली एजेंट हैं? इस पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के बीच तीखी बहस हो गई।