
“Delhi Election 2025 में भाजपा ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने अपनी सीटें गंवाईं। जानें पूरा चुनावी अपडेट।”
नई दिल्ली,( Shah Times) , दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। 27 साल के लंबे इंतजार के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में सत्ता में वापसी की है। आम आदमी पार्टी (आप) को करारी हार का सामना करना पड़ा, वहीं कांग्रेस हाशिए पर चली गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके प्रमुख सहयोगी मनीष सिसोदिया अपनी-अपनी सीटें गंवा बैठे।
भाजपा की शानदार फतेह और AAP की बड़ी हार
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। जंगपुरा से मनीष सिसोदिया, ग्रेटर कैलाश से सौरभ भारद्वाज और नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत पर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है और पूरे प्रदेश में जश्न का माहौल है।
प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर भरोसा
भाजपा नेताओं का कहना है कि दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी विकास योजनाओं पर भरोसा जताया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पर जनता ने विश्वास किया और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार को चुना।”
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, “दिल्ली में कमल खिला है, अब यहां डबल इंजन सरकार बनेगी, जिससे विकास को नई गति मिलेगी।”
AAP के लिए करारी शिकस्त
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका यह रहा कि खुद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कटाक्ष करते हुए कहा, “जो पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए बनी थी, उसी का प्रमुख नेता आज खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा है।”
कांग्रेस का पतन जारी
दिल्ली में कांग्रेस के प्रदर्शन की बात करें तो पार्टी का खाता भी नहीं खुला। प्रियंका गांधी ने हार स्वीकार करते हुए कहा, “हमें और मेहनत करने की जरूरत है।”
भाजपा का अगला कदम – सीएम पद की दौड़
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, यह फैसला जल्द ही पार्टी नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।
दिल्ली चुनाव 2025 ने यह साबित कर दिया कि जनता अब काम और पारदर्शी सरकार चाहती है। भाजपा की जीत से स्पष्ट है कि दिल्ली के मतदाताओं ने भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी और मुफ्त की राजनीति को नकार दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा दिल्ली में अपने विकास के एजेंडे को किस तरह आगे बढ़ाती है।




