बजट: विपक्ष ने राज्यसभा में सरकार पर लगाया अर्थव्यवस्था को खोखला करने का आरोप

नई दिल्ली (शाह टाइम्स) राज्यसभा में 2025-26 के बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे फैसलों से अर्थव्यवस्था को खोखला करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की नीतियों के कारण बचत, निवेश और रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।इसके विपरीत, सत्ता पक्ष ने बजट में मध्यम वर्ग को कर राहत, बुनियादी ढांचे के विकास, मुफ्त खाद्यान्न और सामाजिक विकास योजनाओं के लिए सरकार की प्रशंसा की।

ये है आरोप
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य साकेत गाखले ने कहा, “अर्थव्यवस्था की दीवारों में अंदर से दीमक लग गई है, वित्त मंत्री ने रंग-रोगन करके इसे चमकाने की कोशिश की है लेकिन इससे इसे ढहने से नहीं बचाया जा सकता।” अपने बजट भाषण को सरकार के खिलाफ अभियोग के रूप में पेश करते हुए गोखले ने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी और कोविड लॉकडाउन ने देश में निवेश और रोजगार के दरवाजे बंद कर दिए हैं।

सरकार ने कर संग्रह के बल पर पूंजीगत व्यय बढ़ाकर कुछ बुनियादी ढांचे का निर्माण जरूर किया है, लेकिन अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि इस समय भारत ‘टैक्सफ्लेशन’ (कर और मुद्रास्फीति का दबाव) से जूझ रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वित्त मंत्री हर बजट में नई योजनाओं की घोषणा करते हैं और पिछली योजनाओं को भूल जाते हैं। और सशुल्क इंटर्नशिप योजना में पिछले साल के बजट में 1.25 लाख से अधिक युवाओं को इंटर्नशिप देने की बात कही गई थी, लेकिन यह संख्या 10 हजार से अधिक नहीं पहुंच पाई है।

चंद्रकांत हंडोर ने प्रावधानों को बताया अपर्याप्त
सदन में अपना पहला भाषण देते हुए कांग्रेस के चंद्रकांत हंडोर ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए बजट के प्रावधानों को अपर्याप्त बताया। उन्होंने कहा कि जब तक पिछड़े और गरीब लोगों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान नहीं होगा, तब तक देश 1947 तो दूर, उसके 50 साल बाद भी सही मायने में विकसित राष्ट्र नहीं बन पाएगा। हंडोर ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कल्याण के लिए आवंटित धन के लैप्स होने पर सरकारी अधिकारियों को जिम्मेदार बनाने के लिए कानून बनाने की भी मांग की और कहा कि इसमें कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान होना चाहिए।

वित्त मंत्री सीतारमण को दी बधाई
सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने वित्त मंत्री सीतारमण को लगातार आठवीं बार बजट पेश करने के लिए बधाई दी और पिछले दस वर्षों में सरकार के परिवर्तनकारी कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत ने कम समय में तेजी से विकास किया है और आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है तथा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के करीब है।
गरीबी हटाओ का नारा पहले सिर्फ नारा हुआ करता था, आज यह हकीकत बन रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार ने गरीबों के लिए चार करोड़ घर बनाए हैं। अगले पांच वर्षों में भी इतने ही घर बनाए जाएंगे। दुनिया का कोई भी देश, चाहे वह कितना भी विकसित क्यों न हो, सभी के लिए आवास जैसे जटिल मुद्दे को इस तरीके से हल नहीं कर पाया है।” पटेल ने बजट में एक लाख रुपये की आय को कर मुक्त करने की वित्त मंत्री की घोषणा को संघर्षरत मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत बताया और कहा कि इससे लोगों को सालाना 80,000 रुपये की बचत होगी।

सुधारो का न करे विरोध
बजट की चर्चा की शुरुआत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के डॉ. भागवत कराड ने महंगाई पर नियंत्रण, कर्ज सस्ता करने, किसानों और समाज के पिछड़े व कमजोर वर्गों के विकास व कल्याण तथा नए मंत्रालयों के गठन के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया। जीएसटी, एक देश एक चुनाव, वक्फ कानून संशोधन और सुधारों के लिए सरकार की अन्य पहलों पर विपक्षी दलों के विरोध का जिक्र करते हुए उन्होंने विपक्ष से कहा, “अपना राजनीतिक चश्मा उतारिए, सुधारों का विरोध न करे