
इसरो ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में प्लाज्मा का पता लगाया है, जो अपेक्षाकृत विरल है
चेन्नई । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) अंतरिक्ष यान के विक्रम लैंडर (Vikram Lander) ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में प्लाज्मा का पता लगाया है, जो अपेक्षाकृत विरल है।
चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) के लैंडर पर लगे हुए रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव लोनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर- लैंगमुइर प्रोब (Rambha-LP) पेलोड ने दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के ऊपर सतह के निकट चंद्र प्लाज्मा वातावरण का पहली बार माप किया है।
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प्रारंभिक आकलन से संकेत मिला है कि चंद्रमा की सतह के पास प्लाज्मा अपेक्षाकृत विरल है। ये मात्रात्मक माप संभावित रूप से उस शोर को कम करने में सहायता करते हैं जो चंद्र प्लाज्मा रेडियो तरंग संचार (Radio Wave Communication) के दौरान उत्पन्न होते है।
इसरो (ISRO ) ने कहा कि इसके अलावा, वे भविष्य में चंद्र आगंतुकों के लिए उन्नत डिजाइन में योगदान दे सकते हैं। रंभा-एलपी पेलोड एक लैंगमुइर प्रोब है जिसे तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला (SPL) द्वारा विकसित किया गया है।
यह चंद्रयान-3 लैंडर पर लगा है, जो 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा है। रंभा-एलपी पेलोड को चंद्र प्लाज्मा वातावरण के इन-सीटू माप करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अंतरिक्ष का वह क्षेत्र है जो चंद्रमा की सतह के सबसे समीप है और जहां चंद्र प्लाज्मा सबसे घना है।