
Hydrogen Power
नई दिल्ली (Shah Times): चीन अजब-गजब (Hydrogen Power) प्रयोगों के लिए जाना जाता है। हर आये दिन चीन कुछ ना कुछ उल्टे सीधे टेस्ट करता रहता है।
अब जानकारी मिल रही है कि हाल में ही चीन के वैज्ञानिकों ने बिना यूरेनियम और प्लूटोनियम की मदद से एक ऐसा बम बनाया है जो विनाशकारी होने के साथ परमाणु विस्फोट की तरह भयंकर तबाही मचाने में सक्षम है। इस बम का वजन दो किलोग्राम है, लेकिन परीक्षण के दौरान इसने 1000 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा आग का गोला पैदा करने में सक्षम है। यह विस्फोट 15 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
क्यों है यह विनाशकारी
यह एक हाइड्रोजन बम है, जिसकी खासियत है कि इसमें मैग्नीशियम हाइड्राइड नाम की एक खास सामग्री का इस्तेमाल किया गया। जब यह सामग्री एक्टिवेट होती है तो तेजी से थर्मल अपघटन से गुजरती है। इसके कारण हाइड्रोजन गैस निकलती है, जो कि आग का गोला बन जाती है। यह लपटें इतनी तेज होती है कि विस्फोट क्षेत्र में बहुत ज्यादा गर्मी और विनाशकारी असर होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बम की लपटें इतनी तेज होती हैं कि ये बड़े इलाके को मिनटों में खत्म कर सकती हैं।
क्या होती है इसकी ताकत
15 मई 1957 को ब्रिटेन ने अपने पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया गया था। इससे पहले 1952 में अमेरिका ने दुनिया के सबसे खतरनाक बम का परीक्षण किया था। यह ऐसा बम है, जो कि मानव जाति का सर्वनाश करने सक्षम है। इसके कारण यह हाइड्रोजन बम परमाणु बम की तुलना में 1000 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
हिरोशिमा पर हुआ था जनसंहार
जब हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया गया था, उस वक्त 1,40,000 लोग मारे गए थे और करीब 70 शहर पूरे के पूरे खत्म हो गए थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना ताकतवर हो सकता है।
किस-किस के पास है यह बम
सबसे पहला हाइड्रोजन बन 1 नवंबर 1952 को बना था। मार्शल द्वीप समूह के एक छोटे से द्वीप पर इसका परीक्षण किया गया था। कुछ वक्त पहले नॉर्थ कोरिया ने भी हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया था। फिलहाल यह बम आधिकारिक तौर पर अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, भारत, इजराइल और पाकिस्तान के पास है।