
चीन ने अपने आर्टिफिशियल सूरज प्रोजेक्ट के तहत 1,066 सेकंड तक 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह उपलब्धि परमाणु संलयन ऊर्जा को स्वच्छ, सुरक्षित और असीमित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
बीजिंग,(Shah Times ) । चीन ने परमाणु संलयन ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। चीन के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल सूरज की मदद से 1,066 सेकंड तक 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान बनाए रखा, जो सूर्य के कोर से छह गुना अधिक है। इस सफलता को असीमित और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी छलांग के रूप में देखा जा रहा है।
यह अद्भुत उपलब्धि चीन के हेफेई में प्लाज्मा भौतिकी संस्थान के प्रायोगिक उन्नत सुपरकंडक्टिंग टोकामक (EAST) में हासिल की गई। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह परीक्षण भविष्य के संलयन रिएक्टरों को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पिछले रिकॉर्ड को किया पार
इससे पहले अप्रैल 2023 में EAST ने 403 सेकंड तक 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखा था। नया रिकॉर्ड न केवल इस परियोजना के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि परमाणु संलयन ऊर्जा को स्थायी और व्यावहारिक बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि भी है।
संलयन ऊर्जा का महत्व
संस्थान के निदेशक सोंग युंटाओ ने कहा, “भविष्य के संलयन बिजली संयंत्रों के लिए, एक उपकरण को हजारों सेकंड तक स्थिर और कुशलता से संचालित होना चाहिए।” वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी पर व्यवहार्य संलयन ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सूर्य से भी अधिक गर्म तापमान की आवश्यकता होती है।
भविष्य के लिए संभावनाएं
इस परीक्षण ने न केवल उच्च-परिसीमा मोड का उपयोग करके नया डेटा प्रदान किया है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) जैसी परियोजनाओं के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। चीन की इस सफलता ने परमाणु संलयन ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।
चीन का यह प्रयोग ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाने और स्वच्छ, सुरक्षित और असीमित ऊर्जा उत्पादन का मार्ग प्रशस्त करने वाला है।
China’s Artificial Sun Sets New Record: 1,066 Seconds at 100 Million Degrees