
Periodic Labour Force Survey reveals unemployment trends in urban and rural India. Find out which area faces higher unemployment and the status of women in the workforce
शहरी और ग्रामीण भारत में बेरोजगारी की स्थिति पर पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे की रिपोर्ट। जानिए किस क्षेत्र में बेरोजगारी ज्यादा है और महिलाओं की स्थिति कैसी है।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) देश में बेरोजगारी की तस्वीर को लेकर हाल ही में एक अहम रिपोर्ट सामने आई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से गुरुवार को पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) का मासिक बुलेटिन जारी किया गया, जिससे पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर ग्रामीण इलाकों की तुलना में अधिक है। अप्रैल 2025 के आंकड़ों के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग की कुल बेरोजगारी दर 5.1% दर्ज की गई।
ग्रामीण बनाम शहरी बेरोजगारी: किसकी स्थिति गंभीर?
PLFS रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 4.5% रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 6.5% तक पहुंच गया। यानी शहरों में रोजगार की चुनौती अपेक्षाकृत अधिक बनी हुई है।
पुरुष और महिलाएं: बेरोजगारी में लिंग के आधार पर अंतर
रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में बेरोजगारी दर 5.2% और महिलाओं में 5% रही। हालांकि शहरी महिलाओं की स्थिति अधिक चिंताजनक है:
ग्रामीण पुरुष: 4.9% बेरोजगारी
ग्रामीण महिलाएं: 3.9% बेरोजगारी
शहरी पुरुष: 5.8% बेरोजगारी
शहरी महिलाएं: 8.7% बेरोजगारी
इससे साफ होता है कि शहरी महिलाओं को रोजगार पाना सबसे कठिन हो रहा है, जबकि ग्रामीण महिलाएं comparatively बेहतर स्थिति में हैं।
डेटा का स्रोत और विश्लेषण पद्धति
यह आंकड़े “वर्तमान साप्ताहिक स्थिति” (CWS) के आधार पर तैयार किए गए हैं। इसमें किसी व्यक्ति को बेरोजगार तब माना जाता है जब उसने सर्वेक्षण सप्ताह के किसी भी दिन कम से कम एक घंटे का भी काम नहीं किया हो, लेकिन वह काम की तलाश में हो या काम के लिए उपलब्ध हो।
जनवरी 2025 से PLFS में किए गए सुधारों के बाद यह मासिक डेटा जारी किया जा रहा है, जिससे सरकार को नीतिगत निर्णयों के लिए ताजा और विश्वसनीय आंकड़े मिल सकें।
पिछली तिमाही से तुलना
अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तिमाही में शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी दर 6.4% थी, जो अब बढ़कर 6.5% हो गई है। इससे संकेत मिलता है कि शहरी क्षेत्रों में रोजगार की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
ये है रिपोर्ट
PLFS की यह रिपोर्ट स्पष्ट रूप से दिखाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी अधिक है, विशेष रूप से शहरी महिलाओं की स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक बनी हुई है। यह आंकड़े सरकार और नीति-निर्माताओं के लिए संकेत हैं कि शहरों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।