
एलजी पर निशाना साधते हुए कहा कि एलजी यह क्या मजाक कर रहे हैं? क्या कोई व्यक्ति अपनी खुद की रात में शुगर कम कर सकता है, जो कि बहुत खतरनाक हो सकता है।
~Tanu
नई दिल्ली, (शाह टाइम्स)। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर उपराज्यपाल विनय सक्सेना द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र पर अपनी आपत्ति जाहिर की है। जिसमें संजय सिंह ने एलजी पर निशाना साधते हुए कहा कि एलजी यह क्या मजाक कर रहे हैं? क्या कोई व्यक्ति अपनी खुद की रात में शुगर कम कर सकता है, जो कि बहुत खतरनाक हो सकता है।
उन्होंने आगे लिखा कि, “एलजी साहब, अगर आपको बीमारी के बारे में पता नहीं है, तो आपको ऐसा पत्र लिखना चाहिए नहीं था। ईश्वर न करे कि कभी ऐसा समय आपके साथ आए।”
इस तरह संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में अपने संवेदनशीलता को व्यक्त किया और एलजी विनय सक्सेना के आपत्तिजनक पत्र को खारिज किया।
एलजी के पत्र में क्या लिखा ?
आपको बता दें कि मुख्य सचिव विनय सक्सेना द्वारा लिखित पत्र में दरअसल, तिहाड़ जेल के अधीक्षक की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा जानबूझकर कम कैलोरी का सेवन किया जा रहा है।
इस पत्र में विभिन्न उदाहरण भी प्रस्तुत किए गए हैं, जिनसे स्पष्ट होता है कि 6 जून, 2024 और 13 जुलाई, 2024 के बीच सीएम ने दिन के समय तीनों भोजन में से निर्धारित आहार का पूरा सेवन नहीं किया था। रिपोर्ट में इसके अलावा उनके वजन की विवरणिका भी दी गई है, जिसमें दिखाया गया है कि दो जून, 2024 को सीएम का वजन 63.5 किग्रा था, जो अब 61.5 किग्रा हो गया है। इस संकेत से स्पष्ट होता है कि उनके कम कैलोरी सेवन के कारण इस वजन कमी का अंदाज लगाया गया है।
आपको बता दें कि 18 जून, 2024 को उन्हें इंसुलिन की व्यवस्था नहीं की गई थी या तो जेल अधिकारियों द्वारा इसे रिपोर्ट में दर्ज नहीं किया गया था, यह बात सरकारी एलजी के पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं की गई है। इसके अलावा, अधिकांश दिनों में ग्लूकोमीटर टेस्ट रीडिंग और सीजीएमएस रीडिंग के बीच विसंगतियों का भी उल्लेख किया गया है।
दरअसल 19 जून, 2024 को दोपहर के भोजन से पहले किए गए ग्लूकोमीटर रीडिंग में 104 मिलीग्राम की रिकॉर्डिंग दर्ज की गई, जबकि उसी दिन दोपहर 12.30 बजे दोपहर के भोजन से पहले किए गए सीजीएमएस रीडिंग में 82 मिलीग्राम की रिकॉर्डिंग हुई। इन विसंगतियों को सत्यापित करने की आवश्यकता है और इसके लिए उपयुक्त चिकित्सा अधिकारियों की सहायता की आवश्यकता है।






