
बरेली में जनसभा को संबोधित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
2017 से पहले नौकरियों में होती थी खुली डकैती: सीएम योगी
बरेली अब ‘दंगाग्रस्त’ नहीं, नाथ कॉरिडोर से पहचान बढ़ी:सीएम योगी
“बरेली में सीएम योगी ने कहा- 2017 से पहले नौकरियों पर डकैती होती थी, अब विकास और समृद्धि साथ आ रही है, बरेली की नई पहचान बन रही है।”
शाह टाइम्स | बरेली रिपोर्ट: मो० इरफान मुनीम
सीएम योगी का बरेली दौरा: साफ संदेश, साफ नीयत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत बरेली पहुंचे। सुबह 10:30 बजे के करीब त्रिशूल एयरबेस पर आगमन के बाद उन्होंने सर्किट हाउस में मंडलीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की पूर्व सरकारों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:
“2017 से पहले नौकरियों पर डकैती डाली जाती थी। बंटवारा चलता था। चाचा, बबुआ, भतीजा, भाई- सबकी हिस्सेदारी तय होती थी। महाभारत के रिश्ते नौकरी में लूट का जरिया बन गए थे।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अब शासन व्यवस्था में पारदर्शिता आई है और कोई भी जाति, धर्म या मजहब के आधार पर योजनाओं से वंचित नहीं रहेगा।
बरेली अब ‘दंगाग्रस्त’ नहीं, ‘विकासग्रस्त’ है
सीएम योगी ने कहा कि अब कोई बरेली को दंगों की नगरी नहीं कह सकता। सावन माह में हुई कांवड़ यात्रा इसका जीवंत प्रमाण है। उन्होंने बरेली को नई पहचान देने वाले नाथ कॉरिडोर और सातों नाथ मंदिरों की चर्चा करते हुए कहा कि यह सांस्कृतिक धरोहर अब विकास से जुड़ रही है।
“डबल इंजन सरकार” का डंका: न तुष्टिकरण, सिर्फ विकास
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारें सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती थीं। तुष्टिकरण और सांप्रदायिक सौहार्द में सेंधमारी उनकी नीति थी।
लेकिन भाजपा की डबल इंजन सरकार “तुष्टिकरण” नहीं, “जनता की संतुष्टि” के लिए योजनाएं चला रही है।
योगी सरकार की बड़ी घोषणाएं व शिलान्यास
सीएम योगी ने बटन दबाकर 322 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और 223 परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
साथ ही उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को डमी चेक, प्रतीकात्मक चाबियां और प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
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खिलाड़ियों को मिला सम्मान, बढ़ा उत्साह
मुख्यमंत्री ने बरेली के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मंच से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया और उनसे संवाद करते हुए उन्हें प्रोत्साहित भी किया।
महादेव की धरती पर योगी का नमन
मुख्यमंत्री ने “भारत माता की जय” के उद्घोष से अपना भाषण शुरू किया और कहा:
“सावन माह में नाथनगरी में आकर महादेव के चरणों में नमन करने का सौभाग्य मिला है। बरेली की जनता को विकास कार्यों की शुभकामनाएं देता हूं।”


डमरुओं की निनाद से हुआ स्वागत
जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बरेली कॉलेज मैदान में बने विशाल पंडाल में मंच पर पहुंचे, तो डमरुओं की गूंज और परंपरागत स्वागत से माहौल भक्तिमय हो गया।
सीएम योगी के बरेली दौरे में एक तरफ पूर्व सरकारों की विफलताओं पर निशाना साधा गया, वहीं वर्तमान शासन की विकास योजनाओं की उपलब्धियां जनता के समक्ष रखी गईं। योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट संदेश था— अब न वसूली, न तुष्टिकरण, सिर्फ विकास।

सीएम योगी ने विकास कार्यों को दी रफ्तार, जनप्रतिनिधियों के सुझावों पर बनी योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सर्किट हाउस में बरेली मंडल की मंडलीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर के सांसद, विधायक, एमएलसी और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जिला प्रशासन व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से सीधे संवाद करते हुए उनके क्षेत्रों की प्राथमिक समस्याओं और आवश्यकताओं को सुना। उनके अनुभवों के आधार पर कई महत्त्वपूर्ण विकास कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई।
वाई-शेप फ्लाईओवर और फोरलेन बाईपास को हरी झंडी
कैंट विधायक संजीव अग्रवाल के प्रस्ताव पर सेटेलाइट फ्लाईओवर को वाईशेप में बनाने की मंजूरी दी गई।
इसी तरह पीलीभीत बाईपास को फोरलेन में बदले जाने को भी स्वीकृति मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
सुभाषनगर अंडरपास और धार्मिक पर्यटन को जोड़ने वाली सड़कें
मुख्यमंत्री ने सुभाषनगर अंडरपास को भी प्राथमिकता सूची में शामिल करते हुए कहा कि इससे पूर्वी और पश्चिमी बरेली को सीधा जोड़ा जा सकेगा।
इसके साथ ही हरूनगला से नागदेवता मंदिर तक सड़क निर्माण की स्वीकृति दी गई, जिससे धार्मिक पर्यटन और ग्रामीण कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और समयबद्ध क्रियान्वयन पर ज़ोर
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि केवल योजनाएं बनाना लक्ष्य नहीं है, बल्कि उनका समयबद्ध और ज़मीनी क्रियान्वयन ही असली प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की स्थानीय समझ का उपयोग करते हुए नीति निर्धारण किया जाए। सभी विभागीय अफसरों को निर्देश दिए गए कि कोई भी योजना प्रस्ताव जनप्रतिनिधियों की सिफारिश के बिना न बने।
जनप्रतिनिधियों से संवाद, अधिकारियों को जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने बैठक में मौजूद सभी विधायकों से उनके क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा की। नवाबगंज विधायक डॉ. एमपी आर्य समेत कई प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव रखे, जिनकी समीक्षा कर तुरंत निर्णय लिए गए।
सीएम ने नगर विकास विभाग को निर्देशित किया कि कोई भी परियोजना प्रस्ताव बनाने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय अनिवार्य रूप से ली जाए।
विकास कार्यों में शामिल होंगी ये प्राथमिकताएं
ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी
इंटर-कनेक्टेड सड़कें
धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग
बाईपास, फ्लाईओवर, अंडरपास
रोड सेफ्टी उपाय
सिंचाई परियोजनाएं
ब्रिज (मेजर व माइनर)
इन परियोजनाओं से न केवल क्षेत्र की भौगोलिक चुनौतियों को हल किया जाएगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलेगी।
बैठक में शामिल रहे वरिष्ठ नेता और अधिकारी
बैठक में प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, प्रभारी मंत्री जेपीएस राठौर, पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, राज्यमंत्री संजय गंगवार, सांसद छत्रपाल गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल, डॉ. राघवेंद्र शर्मा, डॉ. एमपी आर्य, डॉ. डीसी वर्मा, बाबूराम पासवान, विवेक कुमार, डॉ. श्याम बिहारी लाल, राजीव सिंह बब्बू, मेयर डॉ. उमेश गौतम, एमएलसी कुंवर महाराज सिंह, बहोरन लाल मौर्य, एडीजी रमित शर्मा, कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, डीआईजी अजय कुमार साहनी, डीएम अविनाश कुमार सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य समेत सभी संबंधित विभागों के अफसर उपस्थित रहे।
बरेली मंडल की यह बैठक केवल एक औपचारिक समीक्षा नहीं थी, बल्कि विकास योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन को लेकर एक ठोस रणनीति का हिस्सा थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ किया कि जनप्रतिनिधियों की भागीदारी और जनता की प्राथमिकताओं के आधार पर ही विकास की दिशा तय की जाएगी।