
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने शनिवार को प्रशासन द्वारा सरकारी कर्मचारियों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर उपराज्यपाल प्रशासन का पूर्ण प्रतिबंध तानाशाही मानसिकता का प्रतीकयों को विरोध प्रदर्शन करने से रोकने पर कड़ी निंदा की।
महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने वाले सरकारी आदेश को साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, “सरकारी कर्मचारियों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर उपराज्यपाल प्रशासन का पूर्ण प्रतिबंध तानाशाही मानसिकता का प्रतीक है। लोकतंत्र में तर्क की आवाज को दबाना अस्वीकार्य है। उन्हें गंभीर परिणाम और अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी देना अपमानजनक है।”
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जम्मू-कश्मीर सरकार (Jammu and Kashmir Govt) ने शुक्रवार को कर्मचारियों को विरोध प्रदर्शन करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के कृत्यों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। आदेश के मुताबिक, सरकार ने कहा कि यह सामने आया है कि कुछ कर्मचारी कुछ मांगों के पक्ष में प्रदर्शन और हड़ताल का सहारा ले रहे हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(M)) नेता एम यूसुफ तारिगामी ने शुक्रवार को कहा कि यह कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों पर एक और हमला है। “यह आदेश आईएलओ सम्मेलनों (ILO conferences) का उल्लंघन करता है जिसमें भारत एक पक्ष है। सरकारी कर्मचारी केवल तभी प्रदर्शन और रैलियां करते हैं जब उनकी जायज और न्यायोचित माँगें पूरी नहीं होतीं। तारिगामी ने एक्स पर लिखा, यह निर्देश कर्मचारियों और श्रमिकों के संवैधानिक अधिकारों पर एक और हमला है।