
आरोपी शिंदे की मां ने कहा है कि हम अस्पताल में घंटों इंतजार करते रहे। लेकिन पुलिसवालों ने हमें अक्षय का शव भी देखने नहीं दिया। अक्षय के खिलाफ यौन शोषण के आरोप साबित नहीं हुए थे।
मुंबई (Shah Times) बदलापुर एनकाउंटर का मामला उच्च न्यायलय तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र उच्च न्यायालय ने इस मामले में कई सवाल खड़े किये हैं। इस मामले में न्यायालय बड़ी सख्त टिप्पणी करते हुए सरकार से जबाव मांगा है। हालांकि इस मामले में पहले ही महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ चुका है।
यह बोला उच्च न्यायलय
याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ के जस्टिस चौहान ने कहा कि बताई जा रही बातों पर यकीन करना बेहद मुश्किल है। पहली नजर में ही इसमें गड़बड़ी नजर आ रही है। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि पुलिस ने आरोपी के सिर में गोली क्यों मारी? आरोपी को गोली मारने से बचा जा सकता था। आरोपी को गोली मारने से पहले काबू में करने की कोशिश क्यों नहीं की गई?
मामले में की गई है एसआईटी जांच की मांग
याचिका कर्ता ने के मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपने बेटे की मौत की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है। पिता का आरोप है कि उनके बेटे को फर्जी एनकाउंटर के तहत मारा गया है। विपक्षी पार्टियां भी इस एनकाउंटर पर सवाल उठा रही हैं। एनकाउंटर पर सवाल उठने और सियासत गरमाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को घटना की जांच सीआईडी को सौंप दी है।
यह है पूरा मामला
अक्षय पर बदलापुर के एक स्कूल में बच्चियों का यौन शोषण करने का आरोप था। साथ ही उस पर अपनी पूर्व पत्नी के भी यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ था। पूर्व पत्नी के यौन उत्पीड़न के मामले में ही पुलिस उसे जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर लेकर गई थी। सरकार का कहना है कि जांच के बाद जेल लौटते समय अक्षय ने एक पुलिस अधिकारी की रिवॉल्वर छीनकर पुलिसकर्मियों पर कथित तौर पर तीन गोलियां चलाईं।
आरोपी की मां ने भी लगाये गंभीर आरोप
आरोपी शिंदे की मां ने कहा है कि हम अस्पताल में घंटों इंतजार करते रहे। लेकिन पुलिसवालों ने हमें अक्षय का शव भी देखने नहीं दिया। अक्षय के खिलाफ यौन शोषण के आरोप साबित नहीं हुए थे। वह पटाखे फोड़ने तक से डरता था। पुलिस पर गोली कैसे चला सकता है। एनकाउंटर एक साजिश है। अब हम उसका शव नहीं लेंगे। अक्षय ने बताया था कि पुलिस वाले उसे पीटते थे। दबाव डालकर बयान भी लिखवाते थे।