
इमरान खान
इस्लामाबाद । पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) के सिफर मामले (ciphercase) की सुनवाई कर रहे विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत ज़ुल्करनैन (Abul Hasnat Zulkarnain) ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि मुकदमे की कार्यवाही अदियाला जेल में जारी रहेगी लेकिन खुली अदालत में।
‘गंभीर सुरक्षा जोखिमों’ का हवाला देते हुए अदियाला जेल अधिकारी उसी अदालत के न्यायाधीश के आदेश के अनुसार इस्लामाबाद के संघीय न्यायिक परिसर (FJC) में विशेष अदालत के समक्ष आज पूर्व प्रधान मंत्री को पेश करने में विफल रहे।
पिछले हफ्ते न्यायाधीश जुल्करनैन (Zulqarnain) ने निर्देश जारी किया था कि पीटीआई प्रमुख इमरान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) को एफजेसी में पेश किया जाए। गौरतलब है कि सिफर मामला एक राजनयिक दस्तावेज से संबंधित है जिसे संघीय जांच एजेंसी के आरोप पत्र के मुताबिक इमरान ने कभी वापस नहीं किया। पीटीआई लंबे समय से मानती रही है कि दस्तावेज में इमरान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए अमेरिका की ओर से धमकी दी गई थी। इमरान और उनके सहयोगी कुरैशी, जो सलाखों के पीछे हैं, को 23 अक्टूबर को मामले में दोषी ठहराया गया था। दोनों ने दोषी नहीं होने का दावा किया है।
मुकदमा अदियाला जेल में चल रहा था और चार गवाहों ने पहले ही अपने बयान दर्ज कर लिए थे, पांचवें से जिरह तब की गई जब इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने जेल मुकदमे के लिए सरकार की अधिसूचना को ‘गलत’ करार दिया और पूरी कार्यवाही को रद्द कर दिया।
फैसले के परिणामस्वरूप, विशेष अदालत अब नए सिरे से मुकदमा शुरू करेगी जबकि अभियोजन पक्ष को जेल में मुकदमा चलाने के लिए एक नया आवेदन दायर करना होगा।
इमरान की उपस्थिति के लिए सुरक्षा योजना को अंतिम रूप देने के लिए पुलिस, प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों की सोमवार को बैठक होनी थी।
न्यायाधीश जुल्करनैन ने आज एफजेसी में सुनवाई की अध्यक्षता की, जहां बैरिस्टर सलमान सफदर इमरान के वकील के रूप में पेश हुए जबकि वकील अली बुखारी कुरैशी के वकील के रूप में मौजूद थे। एफआईए के अभियोजक शाह खावर और जुल्फिकार अब्बास नकवी (Zulfikar Abbas Naqvi) भी अदालत में पेश हुए।
सुनवाई के दौरान जेल अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपी, जिसकी न्यायाधीश जुल्करनैन ने समीक्षा की। रिपोर्ट में कहा गया है कि खुफिया एजेंसियों और पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक पीटीआई अध्यक्ष को जान का खतरा है। इसमें आगे कहा गया,“यह सूचित किया गया है कि पीटीआई अध्यक्ष को गंभीर पैमाने के सुरक्षा जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।”
सफदर ने अदालत से सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने और अपने मुवक्किल को जमानत देने का आग्रह किया जबकि कुरैशी के वकील बुखारी ने अदालत से अनुरोध किया कि उनके मुवक्किल को अदालत के सामने पेश करने के लिए निर्देश जारी किए जाएं।
थोड़ी देर बाद, विशेष अदालत ने जेल अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर अपने आदेश की घोषणा की, जिसमें जेल मुकदमे को मंजूरी दे दी गई, लेकिन कहा गया कि यह एक खुली अदालत में आयोजित किया जाएगा।
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अदालत ने कहा कि जेल अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों ने एफजेसी में मुकदमा चलाने के बारे में अपनी आपत्ति व्यक्त की है। आदेश में कहा गया,“इसलिए अगली सुनवाई अदियाला जेल में होगी और एक खुली अदालत होगी।”
विशेष अदालत ने कहा कि जो लोग कार्यवाही में शामिल होना चाहते हैं उन्हें ऐसा करने से नहीं रोका जाएगा और पत्रकारों को भी मुकदमे का गवाह बनने की अनुमति दी जाएगी।
इसमें आगे कहा गया कि प्रत्येक संदिग्ध के परिवार के पांच सदस्यों को भी अदालत कक्ष के अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। अगली सुनवाई एक दिसंबर (शुक्रवार) निर्धारित है।
सुनवाई की शुरुआत में सफदर ने अदालत को सूचित किया कि आज अदालत के समक्ष दो अलग-अलग मामले लंबित हैं। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा,“हमें उम्मीद थी कि पीटीआई अध्यक्ष को आज अदालत के सामने पेश किया जाएगा लेकिन उन्हें अभी तक अदालत में पेश नहीं किया गया है।” वकील ने जोर देकर कहा कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट (IHC) और विशेष अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है।