
Donald Trump at NATO Summit 2025 amid 'Daddy' remark controversy | Shah Times
NATO समिट में ‘Daddy’ टिप्पणी पर विवाद, ट्रंप प्रचार में व्हाइट हाउस का वीडियो
क्या ‘Daddy’ संबोधन मात्र संयोग था या सोची-समझी रणनीति?
NATO समिट में ट्रंप को ‘Daddy’ कहे जाने पर विवाद। व्हाइट हाउस ने वीडियो शेयर किया, रूटे बोले- मेरा इशारा अमेरिका से था, ट्रंप से नहीं।
डोनाल्ड ट्रंप को ‘Daddy’ कहे जाने से उपजा कूटनीतिक और राजनीतिक घमासान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं—इस बार नाटो समिट के मंच पर। नीदरलैंड्स में आयोजित इस सम्मेलन में एक संवाद के दौरान नाटो महासचिव और डच प्रधानमंत्री मार्क रूटे ने “Daddy” शब्द का उपयोग किया, जिसके बाद से अंतरराष्ट्रीय और अमेरिकी राजनीति में नई बहस छिड़ गई है।
रूटे के अनुसार, उनका आशय अमेरिका से था—अर्थात अमेरिका को वैश्विक सुरक्षा का ‘डैडी’ माना जाना। लेकिन व्हाइट हाउस ने इस संवाद का उपयोग ट्रंप के प्रचार के रूप में करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर दिया, जिसमें पृष्ठभूमि में “हे डैडी” गीत बज रहा है और ट्रंप की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। कैप्शन में लिखा गया: “डैडी का घर।”
राजनीतिक संदर्भ: प्रचार बनाम परिहास
व्हाइट हाउस द्वारा इस बयान को प्रचार में बदलना बताता है कि ट्रंप की टीम हर मौके को रणनीतिक रूप से उपयोग कर रही है। आलोचक इसे अमेरिका की गंभीर विदेश नीति को हल्के में लेने जैसा मानते हैं। यह घटना इसलिए और महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि अमेरिका के नेतृत्व में नाटो जैसे संगठन वैश्विक शक्ति संतुलन के निर्णायक स्तंभ हैं।
ट्रंप की छवि एक मजबूत, निर्णायक लेकिन विभाजनकारी नेता की रही है। “डैडी” शब्द को ऐसे संदर्भ में प्रयोग करना जहां वैश्विक कूटनीति की बात हो रही हो, अमेरिकी मीडिया और नाटो सहयोगियों को भी असहज कर सकता है।
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रूटे की सफाई: राजनीतिक डैमेज कंट्रोल या सच्चाई?
डच प्रधानमंत्री मार्क रूटे ने बाद में सफाई दी कि उनका आशय अमेरिका से था, ट्रंप से नहीं। उन्होंने कहा, “कभी-कभी डैडी को रोकने के लिए कठोर भाषा का इस्तेमाल करना पड़ता है,” इस पर हंसी का माहौल बना। जब पत्रकारों ने सवाल उठाया कि क्या उन्होंने ट्रंप को डैडी कहा, तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया।
यह सफाई अपने आप में सवाल खड़े करती है—क्या यह एक राजनयिक ‘डैमेज कंट्रोल’ है या वाकई में रूटे का इरादा कुछ और था?
व्हाइट हाउस की रणनीति: चुनावी नजरिए से संदेश?
व्हाइट हाउस द्वारा इस पूरे संवाद को एक प्रचार अभियान में बदल देना चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है। ट्रंप की टीम स्पष्ट संदेश दे रही है—वो अमेरिका को फिर से विश्व नेता के रूप में स्थापित करने आए हैं, और इस प्रकार के संवादों को अपने पक्ष में मोड़ना उनकी शैली है।
व्हाइट हाउस द्वारा साझा किया गया वीडियो ट्रंप समर्थकों के बीच एक नया भावनात्मक कनेक्शन स्थापित करने का प्रयास भी हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: नाटो की भूमिका पर सवाल
NATO जैसे मंच पर इस तरह की बयानबाज़ी या फिर उसका इस रूप में प्रचारित किया जाना कई यूरोपीय देशों को असहज कर सकता है। क्या नाटो में अमेरिका की भूमिका इतनी मजबूत है कि उसे ‘डैडी’ के रूप में देखा जाए? अगर हां, तो क्या यह अन्य देशों की संप्रभुता या भागीदारी को कमतर आंकने जैसा नहीं है?
रूस-यूक्रेन संघर्ष, ईरान-इज़रायल तनाव और चीन से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दौर में नाटो की एकजुटता पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसे में शब्दों की सावधानीपूर्वक व्याख्या और प्रचार नीति आवश्यक हो जाती है।