
Heavy rainfall in Delhi-NCR leads to waterlogging, traffic chaos, and rising Yamuna water level.
IMD अलर्ट: यमुना खतरे के निशान से ऊपर, दिल्ली में बारिश जारी
सितंबर की शुरुआत में ही मॉनसून ने तोड़ा रिकॉर्ड, Delhi-NCR में आफ़त की बारिश
Delhi-NCR में भारी बारिश से जलभराव, ट्रैफिक जाम और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर। IMD ने अगले दिनों तक बारिश का अलर्ट जारी किया।
New Delhi,(Shah Times)। Delhi-NCR में मॉनसून ने इस बार अपनी पूरी ताक़त दिखा दी है। सितंबर की शुरुआत में ही बारिश ने ऐसा रुख़ अख़्तियार किया कि दो दिनों में महीने की एक-तिहाई बारिश दर्ज हो गई। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) की रिपोर्ट बताती है कि 3 सितंबर 2025 को भी हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने से बाढ़ और जलभराव की स्थिति और भी गंभीर बनती जा रही है।
रुक-रुक कर बरसात और ठंडक
सितंबर की पहली दो तारीख़ों में 53.8 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो सामान्य औसत से कहीं ज़्यादा है। सुबह हल्की फुहारें और दोपहर-शाम को तेज़ बौछारों ने दिल्लीवालों को छाता और रेनकोट पर मजबूर कर दिया।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मॉनसून ट्रफ और साइकलोनिक सर्कुलेशन अभी भी सक्रिय है।
इसका मतलब है कि बारिश अगले कई दिनों तक थमेगी नहीं।
आज का मौसम कैसा रहेगा?
IMD के अनुसार, 3 सितंबर को
आसमान पर बादल छाए रहेंगे।
कुछ इलाकों में हल्की और मध्यम बारिश की संभावना।
अधिकतम तापमान: 32°C | न्यूनतम: 22°C।
हवाएं 10-15 किमी/घंटा की रफ़्तार से चलेंगी, जो मौसम को सुहावना बनाएंगी।
लेकिन IMD ने चेतावनी दी है कि गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं, इसलिए सड़क यातायात और जलभराव से सतर्क रहना ज़रूरी है।
अगले कुछ दिन का हाल
4 से 6 सितंबर तक बादल छाए रहेंगे।
हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
भारी बारिश की संभावना कम लेकिन बूंदाबांदी से परेशानी जारी।
तापमान 30-34°C के बीच रहेगा।
IMD विशेषज्ञ डॉ. आरके जेनामणि ने बताया कि नया लो-प्रेशर सिस्टम दक्षिण राजस्थान और गुजरात की ओर बढ़ रहा है, जिसका असर दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश के रूप में दिखेगा।
यमुना और जलभराव की चुनौती
यमुना नदी का जलस्तर खतरे से ऊपर।
नजफगढ़, जनकपुरी, प्रगति मैदान जैसे इलाकों में सड़कें डूब गईं।
गाड़ियों के ख़राब होने, दुकानों में पानी घुसने और यात्रियों को घुटनों तक पानी से गुजरने जैसी स्थिति।
नोएडा, गाजियाबाद और झज्जर में 3 सितंबर को स्कूल बंद किए गए।
लोकल सर्किल के सर्वे के मुताबिक, 79% लोग प्रशासन को जलभराव से निपटने में नाकाम मानते हैं।
Analysis
बारिश केवल राहत नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर की व्यवस्थागत कमजोरियों को भी उजागर कर रही है। शहरी प्लानिंग की कमी, नालों की सफाई न होना और इमरजेंसी रिस्पॉन्स का अभाव नागरिकों की तकलीफ़ बढ़ा रहा है।
जहां बारिश ने गर्मी से राहत दी, वहीं
उसी ने ट्रैफिक जाम, वर्किंग ऑवर्स लॉस, गाड़ियों के रिपेयर खर्च और जन-जीवन पर बोझ बढ़ा दिया।
Counterargument
कुछ विश्लेषक मानते हैं कि
इतने बड़े शहरी इलाकों में अचानक भारी बारिश से इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव आना स्वाभाविक है।
प्रशासन हर जगह तुरंत कार्रवाई नहीं कर सकता।
पिछले सालों की तुलना में इस बार तेज़ रेस्पॉन्स और पंपिंग सिस्टम बेहतर काम कर रहे हैं।
लेकिन, आम नागरिकों का अनुभव यही बताता है कि अस्थायी इंतज़ाम स्थायी समस्या का हल नहीं।
Conclusion
दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून इस बार जाते-जाते और भिगोएगा। बारिश जहां एक तरफ़ हरियाली और ठंडक की सौग़ात देती है, वहीं दूसरी तरफ़ यह सवाल खड़ा करती है—क्या हमारा शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर इतनी बारिश झेलने के क़ाबिल है?IMD के अनुसार, मॉनसून की विदाई 17 सितंबर के आसपास शुरू होगी। तब तक, दिल्लीवालों को छाता, धैर्य और बेहतर प्रशासनिक सहयोग की उम्मीद साथ रखनी होगी।