
क्या डोनाल्ड ट्रंप को मिलना चाहिए नोबेल शांति पुरस्कार? जानिए सच्चाई
नोबेल शांति पुरस्कार पर फिर विवाद: डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर दुनियाभर में बहस तेज़
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump ) को चौथी बार नोबेल शांति पुरस्कार ( Nobel Peace Prize) के लिए नॉमिनेट किया गया है। जानिए इजराइल-हमास संघर्षविराम में उनकी भूमिका, नोबेल पुरस्कार प्रक्रिया और इस नॉमिनेशन से जुड़े विवाद।
🕊️ नोबेल शांति पुरस्कार की राजनीति: ट्रंप का नामांकन और वैश्विक प्रतिक्रिया
अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में स्पष्ट किया गया है कि नोबेल शांति पुरस्कार उसे मिलना चाहिए, “जिसने राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ाने, स्थायी सेनाओं को समाप्त करने या कम करने, तथा शांति सम्मेलनों की स्थापना और संवर्धन के लिए सबसे अधिक या सर्वोत्तम कार्य किया हो।”
हाल में जब डोनाल्ड ट्रंप का नाम फिर से इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए सामने आया, खासतौर पर इजरायल और पाकिस्तान के समर्थन के साथ, सोशल मीडिया और वैश्विक राजनीतिक हलकों में एक नई बहस शुरू हो गई।
📌 अब तक कितने अमेरिकी राष्ट्रपतियों को मिला है नोबेल शांति पुरस्कार?
अब तक चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों को यह सम्मान मिल चुका है:
- थियोडोर रूजवेल्ट (1906) – रूस-जापान युद्ध में मध्यस्थता करने के लिए
- वुड्रो विल्सन (1919) – लीग ऑफ नेशंस की स्थापना के लिए
- जिमी कार्टर (2002) – वैश्विक संघर्ष समाधान में योगदान के लिए
- बराक ओबामा (2009) – विश्व में परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयासों के लिए
अगर ट्रंप यह पुरस्कार जीतते हैं, तो वे पांचवें अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जिन्हें यह सम्मान मिलेगा।
🔥 ट्रंप और नोबेल: स्वयंभू दावेदार के चार नॉमिनेशन
डोनाल्ड ट्रंप को इससे पहले भी कई बार नोबेल के लिए नामित किया गया है:
- 2018: उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव घटाने में भूमिका के लिए
- 2020 और 2021: अब्राहम अकॉर्ड और अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी को लेकर
- 2026 (Nomination in 2025): इजराइल-हमास संघर्षविराम और वैश्विक कूटनीति में भूमिका के लिए
इस बार नॉर्वे के एक सांसद और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के समर्थन के साथ ट्रंप फिर से सुर्खियों में हैं।
🗣️ ट्रंप की प्रतिक्रिया: “मैं योग्य हूं, लेकिन वे मुझे देंगे नहीं”
ट्रंप ने इस नॉमिनेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“मैं यह अहंकार से नहीं कह रहा, लेकिन मुझे नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। ओबामा को सत्ता में आने के कुछ हफ्तों में यह पुरस्कार मिल गया था। उन्होंने खुद कहा था, ‘मैंने किया ही क्या?’ और उन्होंने आठ साल कुछ नहीं किया!”
उन्होंने यह भी कहा कि “हम ऐसे शांति समझौतों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, जो दशकों में नहीं हुए। यह इजरायल के प्रयासों और हमारी कूटनीतिक नीति का परिणाम है।”
⚖️ नोबेल प्रक्रिया: नामांकन से निर्णय तक
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की प्रक्रिया पारदर्शी तो है, लेकिन हमेशा विवादों से अछूती नहीं रही है।
नामांकन के पात्र कौन?
- यूनिवर्सिटी प्रोफेसर
- राष्ट्रीय संसद या सरकार के सदस्य
- अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के जज
- पूर्व नोबेल विजेता
चयन प्रक्रिया:
- नामांकन की आखिरी तारीख: 31 जनवरी
- चयन: नॉर्वे की नोबेल समिति, जिसमें संसद द्वारा नियुक्त पांच सदस्य होते हैं
- घोषणा: अक्टूबर
- पुरस्कार वितरण: 10 दिसंबर, अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर
2026 के पुरस्कार के लिए नामांकन जनवरी 2025 में किया गया, इसलिए ट्रंप की मौजूदा दावेदारी 2026 के लिए है, 2025 के लिए नहीं।
🤔 क्या ट्रंप योग्य हैं? – आलोचना और समर्थन दोनों
जहां एक ओर कुछ लोगों का मानना है कि ट्रंप ने इजराइल-हमास संघर्षविराम, अब्राहम समझौते और अफगानिस्तान वापसी जैसे मामलों में प्रभावी कूटनीति दिखाई, वहीं दूसरी ओर उनकी नीति, बयानबाजी और घरेलू हिंसा को बढ़ावा देने वाले बयानों को लेकर आलोचना भी होती रही है।
नोबेल की आधिकारिक वेबसाइट भी मानती है कि कई विजेता “विवादास्पद राजनीतिक एक्टिविस्ट” रहे हैं। इससे शांति पुरस्कार को अक्सर राजनीतिक हथियार की तरह भी देखा जाता है।
📚 नोबेल शांति पुरस्कार: इतिहास, उद्देश्य और विवाद
1901 में शुरू हुए इस पुरस्कार का उद्देश्य दुनिया में शांति की स्थापना और सशस्त्र संघर्षों को रोकना रहा है।
उल्लेखनीय पुरस्कार विजेता:
- यासर अराफात, शिमोन पेरेज, यित्जाक राबिन (1994): मिडल ईस्ट शांति प्रयास
- अबी अहमद (2019): इथियोपिया-एरिट्रिया विवाद निपटारा
इन पुरस्कारों ने जहां अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों को मान्यता दी, वहीं कई बार राजनीतिक फैसलों के रूप में भी देखे गए।
🌐 ट्रंप का नॉमिनेशन: राजनीति या शांति प्रयास?
डोनाल्ड ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चौथी बार सामने आना यह संकेत देता है कि दुनिया के शक्तिशाली नेता अब इस पुरस्कार को एक डिप्लोमैटिक इंस्ट्रूमेंट की तरह देख रहे हैं।
- क्या यह नॉमिनेशन उनकी वास्तविक शांति प्रयासों का सम्मान है?
- या फिर यह राजनीतिक छवि सुधारने की रणनीति है?
इन सवालों के जवाब अभी समय के गर्भ में हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि ट्रंप का नोबेल शांति पुरस्कार नॉमिनेशन आने वाले दिनों में एक राजनीतिक बहस और वैश्विक संवाद का केंद्र जरूर बना रहेगा।
✅ निष्कर्ष: नोबेल पुरस्कार की गरिमा और राजनीतिक रंग
नोबेल पुरस्कार की विश्वसनीयता और गरिमा तब तक कायम रह सकती है जब तक उसके चयनकर्ता निष्पक्ष और मानवीय मूल्यों के आधार पर निर्णय लें। डोनाल्ड ट्रंप का नॉमिनेशन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या शांति सिर्फ कूटनीति से आती है या फिर इंसानियत, सहिष्णुता और समझदारी का भी इसमें बड़ा हाथ होता है?