डोनाल्ड ट्रम्प ने इलॉन मस्क को सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाने की दी जिम्मेदारी 

डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पेस एक्स के CEO इलॉन मस्क से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपी। जानें इस मिशन से जुड़ी पूरी जानकारी।

डोनाल्ड ट्रम्प ने इलॉन मस्क को दी जिम्मेदारी, अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स को वापस लाएंगे

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अंतरिक्ष में फंसी हुई अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर को पृथ्वी पर वापस लाने का काम इलॉन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स को सौंपा है। यह दोनों वैज्ञानिक पिछले साल जून से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं।

ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैंने मस्क से उन दो बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने को कहा है, जिन्हें बाइडेन प्रशासन ने अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। वे कई महीनों से अंतरिक्ष स्टेशन पर इंतजार कर रहे हैं, मस्क जल्द ही इस काम में लग जाएंगे। उम्मीद है कि सभी सुरक्षित होंगे।”

इलॉन मस्क ने इसके जवाब में कहा, “हम ऐसा ही करेंगे। यह भयानक है कि बाइडेन प्रशासन ने उन्हें इतने लंबे वक्त तक वहां छोड़ रखा है।” इससे पहले नासा ने इन दोनों को अंतरिक्ष से वापस लाने के लिए स्पेस एक्स को शामिल किया था, लेकिन मिशन में देरी हो रही है।

सुनीता विलियम्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 16 जनवरी को स्पेसवॉक किया था। वे लगभग आठ महीने से अंतरिक्ष में हैं, और उन्हें पहले एक सप्ताह के बाद वापस आना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में देरी हो गई है।

सुनीता और बुच विल्मोर का अंतरिक्ष यात्रा:

सुनीता और बुच विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजने का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की पायलटिंग और मैन्युअल फ्लाइट टेस्ट को पूरा करना था। दोनों ने इस मिशन के दौरान कई रिसर्च और एक्सपेरिमेंट किए। हालांकि, बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में कई तकनीकी समस्याओं के कारण इनकी वापसी में विलंब हो गया।

स्पेसक्राफ्ट की समस्याएँ और देरी:

स्पेसक्राफ्ट में हीलियम लीक और थ्रस्टर की समस्याएँ आईं, जिससे स्पेसक्राफ्ट का रास्ता बदलने में मुश्किलें आईं। हालांकि, नासा और अन्य तकनीकी विशेषज्ञों ने इसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन समस्या पूरी तरह हल नहीं हो पाई। अब नासा ने घोषणा की है कि सुनीता और बुच विल्मोर को वापस लाने के लिए स्पेस एक्स को एक नया कैप्सूल बनाना होगा, जिसके कारण मिशन में और अधिक समय लगेगा।