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राष्ट्रपति ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को ‘मतदाता मतदान’ के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए जा रहे हैं। हम भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर दे रहे हैं। हमारा क्या? मैं भी मतदान बढ़ाना चाहता हूं।
नई दिल्ली/वाशिंगटन (शाह टाइम्स) www.facebook.com/shahtimesdegitalअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार तीसरे दिन भारत को ‘मतदाता मतदान’ के लिए कथित तौर पर 21 मिलियन डॉलर दिए जाने का मुद्दा उठाया है। ट्रंप का ताजा बयान उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें दावा किया गया है कि 2022 में 21 मिलियन डॉलर का अनुदान भारत के लिए नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए मंजूर किया गया था।
फर्म में केवल दो लोग कर रहे थे काम
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने बांग्लादेश को दी गई 29 मिलियन डॉलर की अमेरिकी सहायता का भी जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि बांग्लादेश को राजनीतिक परिदृश्य में स्थिरता लाने के लिए 29 मिलियन डॉलर दिए गए। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर एक ऐसी फर्म को दिए गए जिसके बारे में कभी किसी ने सुना ही नहीं था। उस फर्म में केवल दो लोग काम कर रहे थे।” कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो भारी कर लगाता है
16 फरवरी को बनाई मदों की सूची
उन्होंने ये टिप्पणियां एलन मस्क के नेतृत्व वाले DOGE (सरकारी दक्षता विभाग) द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद की कि USAID ने भारत में मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग को 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है। निजी अमेरिकी एयरोस्पेस और अंतरिक्ष परिवहन सेवा कंपनी स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन (स्पेसएक्स) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मस्क के नेतृत्व में सरकारी दक्षता विभाग ने 16 फरवरी को उन सभी मदों की सूची बनाई, जिन पर “अमेरिकी करदाताओं का पैसा खर्च किया जाएगा।”
आवंटन कर दिया रद्द
“बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने” के लिए 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आवंटन भी शामिल है, साथ ही नेपाल में “राजकोषीय संघवाद” के लिए 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर और वहां “जैव विविधता संरक्षण” के लिए 19 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आवंटन भी रद्द कर दिया गया है।
हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने क्या कहा
मंगलवार को अपने निजी रिसॉर्ट ‘मार-ए-लागो’ में कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, “… हम भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता क्यों दे रहे हैं? उन्हें बहुत सारा पैसा मिलता है। हमारे संदर्भ में, भारत दुनिया में सबसे अधिक कर लगाने वाले देशों में से एक है। उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं उन्होंने मंगलवार को कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें संघीय सरकार द्वारा करदाताओं के पैसे के फिजूलखर्ची के बारे में “कट्टरपंथी पारदर्शिता” की आवश्यकता वाला ज्ञापन भी शामिल था।
गौरतलब है कि अमेरिकी सरकारी एजेंसी यूएसएआईडी द्वारा भारत को दी गई कथित सहायता का मुद्दा देश में राजनीतिक टकराव का कारण बन गया है। भारत में, इस मुद्दे पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच तीखी नोकझोंक हो रही है।