
डोनाल्ड ट्रम्प ने फिर लिया श्रेय मैंने जंग रुकवाई,भारत-पाक युद्ध में 5 जेट गिरे,
डोनाल्ड ट्रम्प का दावा: ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को झटका, भारत-पाक संघर्ष में मेरी मध्यस्थता से शांति
डोनाल्ड ट्रम्प का दावा- भारत-पाक संघर्ष में जेट गिरे और उन्होंने युद्ध रोका। जानिए क्या है ऑपरेशन सिंदूर और दोनों देशों के रणनीतिक दावे।
Shah Times Editorial
एक और बार ट्रम्प की ‘मध्यस्थता’ का दावा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्ध को रोकने में भूमिका निभाई। व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान ट्रम्प ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है संघर्ष के दौरान “पांच जेट गिराए गए”, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि किस देश के विमान थे। ट्रम्प पहले भी 24 बार इस प्रकार का दावा कर चुके हैं। यह बयान न केवल राजनयिक हलकों में बल्कि रणनीतिक विश्लेषण के स्तर पर भी बहस का कारण बना है।
भारत-पाक संघर्ष का पृष्ठभूमि परिप्रेक्ष्य
भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा से तनावपूर्ण रिश्ते रहे हैं, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों और आतंकवाद को लेकर। मई 2025 में, जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, उसके बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई के दावे किए गए और दोनों देशों के बीच वायु संघर्ष की स्थिति बनी।
इस बीच पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के 5 लड़ाकू विमान गिराए, जिनमें से 3 राफेल थे। बाद में यह संख्या 6 बताई गई। वहीं, भारतीय वायुसेना की ओर से “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के 6 फाइटर जेट, 3 एयरक्राफ्ट और 10 से अधिक ड्रोन और क्रूज मिसाइलें तबाह करने की बात कही गई।
ट्रम्प के बयान: तथ्य या राजनीतिक स्टंट?
ट्रम्प के अनुसार, “हम युद्धों को निपटाने में सफल रहे हैं। हमने व्यापार का इस्तेमाल किया।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक भारत और पाकिस्तान इस मसले को नहीं सुलझाते, अमेरिका उनसे व्यापार नहीं करेगा। यह बात उन्होंने पहले भी NATO महासचिव के साथ बैठक के दौरान कही थी।
हालांकि, यह दावा व्यावहारिक धरातल पर काफी भ्रमपूर्ण लगता है। भारत ने कभी भी अमेरिका को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए अधिकृत नहीं किया है। भारत-पाक संबंधों में अमेरिका की भूमिका, अगर कोई रही है, तो वह सिर्फ ‘मौन पर्यवेक्षक’ जैसी रही है।
भारतीय दृष्टिकोण: ऑपरेशन सिंदूर और सामरिक जवाब
सरकारी सूत्रों के अनुसार, “ऑपरेशन सिंदूर” भारतीय वायुसेना की एक सोची-समझी जवाबी कार्रवाई थी। इसमें पाकिस्तान के आतंकी लॉन्चपैड्स, रडार स्टेशनों और एयरबेस को निशाना बनाया गया। सुदर्शन मिसाइल सिस्टम के माध्यम से पाकिस्तान के हाई-वैल्यू एयरक्राफ्ट को 300 किलोमीटर दूर से मार गिराने की भी पुष्टि की गई।
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इसके अलावा, भारत ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, राफेल और सुखोई-30 के संयोजन से पाकिस्तानी एयरफोर्स के “हैंगर सेंटर” को तबाह किया, जहां मेड इन चाइना ड्रोन रखे गए थे। पाकिस्तान के भोलारी एयरबेस पर स्वीडन मूल का AEWC विमान भी नुकसान की चपेट में आया।
पाकिस्तान के बयान: दावे और भ्रम
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में कहा कि उन्होंने भारत के 5 लड़ाकू विमानों को गिरा दिया, जिनमें 3 राफेल शामिल थे। इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 6 भारतीय जेट गिराने का दावा किया और भारत को इन दावों को स्वीकार करने को कहा।
हालांकि, इन दावों की कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई और भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। CDS जनरल अनिल चौहान ने भी साफ किया कि गिनती से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि क्यों विमान गिरे और उससे क्या सीखा गया।
सीडीएस चौहान का संतुलित विश्लेषण
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा कि “असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि हमने उनसे क्या सीखा और अपनी कमजोरियों को कैसे सुधारा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का भारत के 6 विमान गिराने का दावा पूरी तरह गलत है।
इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि संघर्ष के दौरान परमाणु हथियारों के उपयोग की नौबत नहीं आई, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय हो सकता था।
राजनीति और प्रचार: ट्रम्प के दोहरे संदेश
ट्रम्प की ओर से बार-बार भारत-पाक संघर्ष को रोकने का दावा न केवल चुनावी राजनीति का हिस्सा लगता है, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रवाद और वैश्विक दबाव का एक साधन भी है। उनके “डील मेकर” की छवि को पुष्ट करने के लिए ऐसे बयान बार-बार दिए जाते हैं। लेकिन जब तथ्य और अंतरराष्ट्रीय सत्यापन की बात आती है, तो ट्रम्प के दावे अक्सर आधारहीन प्रतीत होते हैं।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में संदेश
ट्रम्प का यह बयान केवल भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में नहीं, बल्कि वैश्विक रणनीति के संकेत के रूप में भी देखा जाना चाहिए। उनका यह कहना कि उन्होंने व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया, यह स्पष्ट करता है कि भविष्य की कूटनीति में आर्थिक प्रतिबंधों और लाभों को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा।
भारत जैसे लोकतांत्रिक और रणनीतिक रूप से परिपक्व देश के लिए यह जरूरी है कि वह अपने हितों की रक्षा करते हुए अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों की राजनीति को समझे और संतुलन बनाए रखे।
प्रचार से परे, ज़मीन पर सच्चाई का विश्लेषण ज़रूरी
डोनाल्ड ट्रम्प का यह 24वां दावा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रोकी, उस कूटनीतिक शैली को दर्शाता है जिसमें प्रचार और जनमत-प्रबंधन, तथ्यों से अधिक प्रभावी होते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने-अपने दावों पर कायम हैं, लेकिन युद्ध की विभीषिका को रोकना सिर्फ दावों से नहीं, ठोस सैन्य और राजनीतिक रणनीति से ही संभव होता है।
यह समय है कि हम हेडलाइन और प्रचार से परे जाकर घटनाओं का मूल्यांकन करें—तथ्य, रणनीति और नेतृत्व की वास्तविक भूमिका के आधार पर।