
Donald Trump announces ceasefire between Israel and Iran @ Shah Times
डोनाल्ड ट्रंप ने किया इजरायल-ईरान में Ceasefire का ऐलान
ईरान विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने दी प्रतिक्रिया, “इजरायल ने हमले रोके तो हम भी रुकेंगे”
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल-ईरान संघर्ष पर पूर्ण सीजफायर (Ceasefire) का ऐलान किया, ईरान के विदेश मंत्री ने रखी अपनी प्रतिक्रिया।
मध्य-पूर्व में एक आशा की किरण
पश्चिम एशिया के अस्थिर हालातों के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला लेकिन सकारात्मक कदम उठाते हुए इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम की घोषणा की। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों के बीच 12 दिनों से लगातार घमासान युद्ध चल रहा था। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर इस सीजफायर की जानकारी साझा की, जिससे अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के गलियारों में खलबली मच गई।
🔔 सीजफायर की टाइमलाइन और शर्तें
डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार, सीजफायर चरणबद्ध तरीके से लागू होगा:
मंगलवार रात से 6 घंटे का मिशन समाप्ति काल दिया गया है।
इसके बाद ईरान पहले हमले रोकेगा और 12 घंटे बाद इजरायल।
कुल 24 घंटे के भीतर पूर्ण युद्ध विराम लागू होगा।
यह एक रणनीतिक शांति योजना की तरह प्रस्तुत किया गया है, जहां हर पक्ष को अपने आखिरी सैन्य ऑपरेशन को समाप्त करने का समय दिया गया है।
🧭 ईरान की प्रतिक्रियाएं: संयम या संदेह?
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस सीजफायर पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई औपचारिक समझौता अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन अगर इजरायल अपने हवाई हमले सुबह 4 बजे तक रोक देता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। अराघची की इस घोषणा से यह संकेत मिला है कि ईरान सशर्त रूप से शांति के लिए तैयार है, लेकिन उसे इजरायल की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है।
उनके शब्दों में एक सावधानीभरा समर्थन झलकता है, जो बताता है कि तेहरान अब भी सतर्क है और किसी धोखे से बचना चाहता है।
🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीतिक संतुलन
रिपब्लिकन स्पीकर माइक जॉनसन ने ट्रंप की इस पहल को “remarkable achievement” बताया है। उन्होंने इसे ‘शक्ति के माध्यम से शांति’ का उदाहरण कहा। वर्षों से अमेरिका की पश्चिम एशिया नीति में जिस दृढ़ता की कमी देखी जा रही थी, ट्रंप की इस घोषणा को उस शून्य को भरने का प्रयास माना जा सकता है।
कई देशों ने ट्रंप के प्रयास की सराहना की है लेकिन साथ ही इसे स्थायित्व की परीक्षा से गुजरने वाला समझौता भी कहा है।
💣 युद्ध की शुरुआत और नुकसान
13 जून को इजरायल ने ईरान की एक परमाणु साइट पर हमला कर युद्ध की शुरुआत की थी। इसके जवाब में ईरान ने इजरायल के सैन्य और नागरिक ठिकानों पर मिसाइलें दागी। इस टकराव में:
दोनों ओर से सैकड़ों नागरिक और सैनिक हताहत हुए।
परमाणु सुरक्षा पर वैश्विक चिंता बढ़ गई।
अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में अस्थिरता आई।
📉 सीजफायर का संभावित प्रभाव
- वैश्विक बाजारों में स्थिरता लौट सकती है
- संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की भूमिका बढ़ सकती है
- सऊदी अरब और तुर्की जैसे क्षेत्रीय खिलाड़ी कूटनीतिक सक्रियता बढ़ा सकते हैं
- भारत सहित कई देशों को ऊर्जा आपूर्ति पर राहत मिल सकती है
⚖️ क्या यह शांति स्थायी होगी?
इतिहास बताता है कि इजरायल और ईरान के बीच शांति अस्थायी और नाजुक रहती है। हालांकि ट्रंप की यह पहल निश्चित ही एक प्रारंभिक और महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यदि यह समझौता अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक निगरानी में आगे बढ़ाया जाए, तभी यह टिक सकता है।
📢 निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप की यह घोषणा सिर्फ एक पोस्ट नहीं बल्कि एक बड़ा कूटनीतिक दांव है, जो उन्हें न केवल पश्चिम एशिया में बल्कि अमेरिकी राजनीति में भी एक मजबूत भूमिका दे सकता है। यह देखना रोचक होगा कि आने वाले दिनों में ईरान और इजरायल के बीच यह युद्धविराम कितना प्रभावी और स्थायी रहता है।