
Police Lathicharge During Lat Sahib Juloos in Shahjahanpur Amid Holi Celebrations
शाहजहांपुर, (Shah Times)। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में होली और जुमे की नमाज के शांतिपूर्ण आयोजन के बीच लाट साहब के जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई। सदर बाजार थाना क्षेत्र के खिरनीबाग इलाके में जुलूस के दौरान हुड़दंगियों ने बवाल किया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को काबू में किया। इस दौरान पुलिस और हुड़दंगियों के बीच जमकर पथराव हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
जुलूस के दौरान हिंसा कैसे भड़की?
हर साल की तरह इस बार भी शाहजहांपुर में होली के अवसर पर लाट साहब का पारंपरिक जुलूस निकाला गया। चूंकि इस बार जुलूस जुमे की नमाज के दिन पड़ा, इसलिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया था और नमाज का समय भी आगे बढ़ाया गया था।
शुक्रवार को जब लाट साहब का जुलूस सदर बाजार थाना क्षेत्र के खिरनीबाग इलाके से गुजर रहा था, तभी अचानक भीड़ अनियंत्रित हो गई। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की तो हुड़दंगियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।
घंटाघर पर हुआ सबसे बड़ा हंगामा
सबसे बड़ा बवाल घंटाघर पर हुआ, जहां लाट साहब के जुलूस में भारी भीड़ जुट गई थी। आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के दस्ते ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया। भीड़ ने पुलिस पर जूते-चप्पल और ईंट-पत्थर फेंके। इसके जवाब में आरएएफ ने हुड़दंगियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
घंटाघर के अलावा चौक कोतवाली क्षेत्र के कच्चा कटरा मोड़ पर भी दो पक्षों के बीच मारपीट हुई। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। खिरनीबाग चौराहे पर भी आरएएफ ने लाठीचार्ज किया, जिसमें बाइक सवार भी पुलिस की कार्रवाई का शिकार हो गए। पुलिस ने एक बाइक को तोड़ दिया और उसके सवार की पिटाई की।
प्रशासन ने कसी कमर, भारी सुरक्षा बल तैनात
शाहजहांपुर के एसपी ने बताया कि जुलूस के लिए तीन जोन और आठ सेक्टर बनाए गए थे। करीब 100 मजिस्ट्रेट, 250 सब-इंस्पेक्टर और 1,500 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थे। पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) की दो कंपनियां भी मौके पर मौजूद थीं।
नगर आयुक्त विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि पूरे मार्ग पर 350 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। मस्जिदों और बिजली के ट्रांसफार्मर के पास बैरिकेड्स भी लगाए गए थे।
लाट साहब के जुलूस का ऐतिहासिक महत्व
शाहजहांपुर के स्वामी सुकदेवानंद कॉलेज के इतिहास विभाग प्रमुख, विकास खुराना ने बताया कि लाट साहब का जुलूस 1728 से निकाला जा रहा है। नवाब अब्दुल्ला खान के फर्रुखाबाद से लौटने के बाद इस परंपरा की शुरुआत हुई थी। 1930 के दशक में जुलूस में ऊंटगाड़ी का उपयोग किया गया।
1990 के दशक में इसे रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन अदालत ने इसे ऐतिहासिक परंपरा मानते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। जुलूस करीब 7 किलोमीटर लंबा होता है, जो कुंचा लाला में समाप्त होता है। प्रतिभागी लाट साहब पर जूते फेंकते हैं, जिसे बुरी आत्माओं को दूर भगाने की परंपरा के रूप में देखा जाता है।
स्थिति नियंत्रण में, माहौल शांत
पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पा लिया है। एसपी शाहजहांपुर ने बताया कि फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है और आगे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहेगा।